मानसून बढ़ा सकता है देश में टिड्डी दल का खतरा, एक्सपर्ट की चेतावनी- अंडे देने किए शुरू
By पल्लवी कुमारी | Published: June 29, 2020 07:33 AM2020-06-29T07:33:44+5:302020-06-29T07:33:44+5:30
देश के कई हिस्सों में कहर मचा चुके टिड्डी दल अब दिल्ली से सटे हरियाण के गुरुग्राम पहुंच गए हैं और यहां शनिवार (27 जून) को अनेक स्थानों पर आसमान में टिड्डियों का जाल सा छा रहा था। टिड्डियों का दल पाकिस्तान से पिछले महीने राजस्थान में घुसा था और फिर यह तेज हवाओं के चलते पश्चिमी राज्यों के इलाकों में फैल गया।
नई दिल्ली: देश के कई राज्यो पर टिड्डी दल के हमले का खतरा मंडरा रहा है। एक्सपर्ट की मानें तो मानसून के साथ चलने वाली हवाएं टिड्डियों की संख्या बढ़ा सकती हैं। बीकानेर सहित राजस्थान के कई शहरों में टिड्डियों ने अंडे देनो भी शुरू कर दिए हैं। ऐसे में अगर इनपर काबू नहीं पाया गया तो आने वाले कुछ दिनों में इनकी संख्या काफी बढ़ जाएगी। फूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाइजेशन (FAO) ने चेतावनी देते हुए बताया है कि टिड्डियों के कुछ अडल्ट ग्रुप इस वक्त राजस्थान के पश्चिमी जयपुर में मौजूद हैं।
एक्सपर्ट की चेतावनी- जुलाई के पहले हफ्ते तक दिल्ली एनसीआर में भी पहुंच सकता टिड्डी दल
एलडब्ल्यूओ के डिप्टी डायरेक्टर के एल गुर्जर ने अनुमान लगाया है कि जैसे ही बारिश शुरू होगी टिड्डियों का दल राजस्थान और मध्य प्रदेश से रेगिस्तान में वापस आने शुरू हो जाएंगे। फिलहाल मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी टिड्डियों के झुंड मौजूद है। एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि जुलाई के पहले हफ्ते में टिड्डियों के हमले दक्षिणी पश्चिमी मॉनसूनी हवाओं के साथ दिल्ली एनसीआर में भी पहुंच सकते हैं।
केंद्र सरकार ने कहा- टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिए राजस्थान से और दलों को हरियाणा, यूपी में तैनात किया गया
फसलों को नुकसान पहुंचाने वाली टिड्डियों के दल के दिल्ली के बाहरी इलाके में प्रवेश के बीच केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने शनिवार (27 जून) को कहा कि राजस्थान से और दलों को हरियाणा और उत्तर प्रदेश में इन्हें रोकने के लिए चल रहे अभियान में तैनात किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि टिड्डियों का दल दिन भर उड़ता रहता है और शाम को अंधेरा होने के बाद ही रुकता है।
जमीन पर उन्हें नियंत्रित करने के लिए दल लगातार उन पर नजर बनाए हुए हैं और जब एक बार वो रुक जाएंगी तो उन्हें काबू में करने के लिए बड़ा अभियान चलाया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश में नियंत्रण दलों को सतर्क कर दिया गया है। मंत्रालय ने कहा कि राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में उन्हें नियंत्रित करने के लिए अभियान चल रहा है।
टिड्डियों के खतरे पर सियासत तेज
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के कई प्रदेशों में टिड्डियों के दल से हुए फसलों के नुकसान को लेकर शनिवार (27 जून) को कहा कि केंद्र सरकार को संबंधित राज्यों एवं किसानों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, टिड्डी दल ने हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में फसल को नष्ट कर दिया है। भारत सरकार को राज्यों और इस समस्या के कारण नुकसान उठाने वाले किसानों की मदद करनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार (28 जून) को कांग्रेस पर ''आपदा को अराजकता'' में बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश ''टिड्डियों और हारे हुए लोगों'' परेशान है। उन्होंने कहा, ''आपदा की इस घड़ी में, टिड्डियों और हारे हुए लोगों ने परेशान कर रखा है। दोनों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। एक ओर जहां टिड्डियां फसलों के लिए खतरनाक है, वहीं दूसरी ओर हारे हुए लोग देश में असंतोष पैदा कर रहे हैं। पूरा देश आपदा को अवसर में बदलने में लगा है और कांग्रेस आपदा को अराजकता में तब्दील करने का प्रयास कर रही है।''
पीएम मोदी ने टिड्डियों को लेकर ‘मन की बात’ में कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में रविवार (28 जून) को कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में टिड्डियों के हमले का मुकाबला करने के लिये नये-नये आविष्कारों पर ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही, इसने यह भी याद दिलाया है कि एक छोटा सा जीव कितना बड़ा नुकसान कर सकता है।
पीएम मोदी ने कहा, चाहे वह भारत सरकार हो, राज्य सरकार हो, कृषि विभाग हो, या फिर प्रशासन ही क्यों न हो, सभी इस संकट के नुकसान से बचने तथा किसानों की मदद करने के लिए आधुनिक संसाधनों का भी उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नए-नए आविष्कारों की तरफ़ भी ध्यान दिया जा रहा है। मुझे विश्वास है कि हमारे कृषि क्षेत्र पर जो यह संकट आया है, उससे हम सब मिल कर लोहा लेंगे और बहुत कुछ बचा लेंगे।