Lockdown: रेलवे ने लॉकडाउन में फंसे 10 लाख मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाया, अब तक कुल 800 ट्रेनें चलीं
By अनुराग आनंद | Published: May 14, 2020 03:00 PM2020-05-14T15:00:25+5:302020-05-14T15:00:25+5:30
भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान कुल 800 ट्रेनों के माध्यम से देश भर के लाखों मजदूरों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाया है।
नई दिल्ली: कोरोना महामारी को रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन जारी है। इस लॉकडाउन के दौरान काम नहीं मिलने की वजह से हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए। ऐसे में हजारों मजदूर अपने गृह राज्य जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े।
लॉकडाउन में देश के अलग-अलग हिस्से में फंसे इन सभी लोगों को उनके गृह राज्य तक छोड़ने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार व सभी राज्यों की सरकार ने पहल की। इसके बाद रेलवे ने 1 मई से अबतक 10 लाख श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया है। इस दौरान कुल 800 ट्रेनें चलीं। भारतीय रेलवे ने यह बताया है।
Since 1 May 2020, Indian Railways has carried 10 lakh shramiks in 800 trains to their home state: Indian Railways pic.twitter.com/j8vTk17SX4
— ANI (@ANI) May 14, 2020
इसके अलावा, बता दें कि रेलवे द्वारा चलाए गए विशेष ट्रेनों के लिए अब तक 2,34,411 यात्रियों ने टिकट बुक किए हैं। लॉकडाउन के बाद से अब तक कुल यात्री आरक्षण प्रणाली (PRS) से अब तक रेलवे के पास किराया 45.30 करोड़ रुपये आया है। इस बात की जानकारी भारतीय रेलवे ने दी है।
रेलवे ने बृहस्पतिवार को बताया कि अगले सात दिनों में यात्रा के लिए 45.30 करोड़ रुपये की टिकटें बुक कराई गई हैं। उसने बताया कि बुधवार को विशेष ट्रेनों में 20,149 यात्रियों ने सफर किया और बृहस्पतिवार को चलने वाली 18 विशेष ट्रेनों में यात्रा करने का 25,737 यात्रियों का कार्यक्रम है। इन टिकटों से अभी तक कुल 45,30,09,675 रुपये का राजस्व एकत्रित किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ने दिल्ली तथा देश के प्रमुख शहरों के बीच 12 मई से अपनी विशेष यात्री सेवाएं फिर से शुरू की थीं। बुधवार को नौ ट्रेनों में 9,000 से अधिक यात्री राष्ट्रीय राजधानी से रवाना हुए। बुधवार को दिल्ली से रवाना होने वाली नौ ट्रेनों में हावड़ा, जम्मू, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई, डिब्रूगढ़, मुंबई, रांची तथा अहमदाबाद के लिए रवाना होने वाली आठ ट्रेनों में क्षमता से अधिक बुकिंग हुई। आंकड़ों से पता चलता है कि केवल बिहार की राजधानी पटना जाने वाली ट्रेन में क्षमता से 87 फीसदी की बुकिंग हुई।
बुधवार को रवाना होने वाली नौ ट्रेनों में से हावड़ा-नयी दिल्ली ट्रेन में 1,377 यात्रियों ने बुकिंग कराई जो ट्रेन की क्षमता का 122 फीसदी है। नयी दिल्ली-तिरुवनंतपुरम विशेष ट्रेन में 133 फीसदी और नयी दिल्ली-चेन्नई ट्रेन में 150 फीसदी बुकिंग कराई गई। इसी तरह नयी दिल्ली-जम्मू तवी विशेष ट्रेन 109 फीसदी क्षमता के साथ चली, नयी दिल्ली-रांची ट्रेन में 115 प्रतिशत बुकिंग कराई गई।
नयी दिल्ली-मुंबई सेंट्रल ट्रेन में 117 फीसदी, नयी दिल्ली-अहमदाबाद ट्रेन में 102 फीसदी और नयी दिल्ली-डिब्रूगढ़ ट्रेन में 133 फीसदी बुकिंग कराई गई। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘क्षमता से अधिक बुकिंग का यह मतलब नहीं है कि यात्री गलियारों में खड़े रहे। इसका बस यह मतलब है कि ट्रेन के चलते वक्त लोगों की आवाजाही रही। लोग बीच-बीच में स्टेशनों पर चढ़े और उतरे तथा कई लोगों ने बुकिंग कराई।’’
दिल्ली से बुधवार को रवाना होने वाली केवल एक ट्रेन अपनी पूरी क्षमता के साथ नहीं चली और वह थी नयी दिल्ली-राजेंद्र नगर (पटना) ट्रेन। इसमें 1,239 यात्रियों के सफर करने की क्षमता थी लेकिन वह केवल 1,077 यात्रियों को लेकर गई। अधिकारियों ने बताया कि इस ट्रेन में क्षमता से कम बुकिंग होने के पीछे यह वजह हो सकती है कि बिहार के लिए पहले से ही 100 से अधिक ट्रेनें हैं जो एक मई से मजदूरों को उनके गंतव्य लेकर गई हैं।