वाराणसी।कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जारी देशव्यापी लॉकडाउन भले ही लोगों को परेशान कर रहा हो, लेकिन प्रकृति इन दिनों चैन की सांस ले रही है। लॉकडाउन में वाहनों की ना के बराबर आवाजाही के कारण देश में प्रदूषण अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। अभी की हवा की गुणवत्ता पहले की तुलना में कहीं ऊपर है। अब बात करते हैं गंगा की.. गंगा नदी के लिए लॉकडाउन वरदान साबित हुआ है। बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों के बंद होने के चलते गंगा नदी का पानी साफ हो गया है। गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए दशकों से जारी कोशिशों का असर कभी देखने को नहीं मिला, लेकिन दस दिन के लॉकडाउन ने गंगा नदी का प्रदूषण पहले के मुकाबले 40-50 फीसदी कम कर दिया है।
लॉकडाउन की वजह से देश की लगभग सभी फैक्ट्रियों में काम बंद हैृ। जिसका सीधा असर गंगा की सेहत पर दिखाई दे रहा। गंगा में प्रदूषण फैलने के बाद से इसकी स्थिति में इतना सुधार कभी देखने को नहीं मिला है। आईआईटी बीएचयू केमिकल इंजिनियरिंग और टेक्नॉलजी विभाग के प्रफेसर डॉ. पीके मिश्रा कहते हैं, 'गंगा में होने वाले कुल प्रदूषण में उद्योगों की हिस्सेदारी 10 फीसदी होती है। लॉकडाउन की वजह से उद्योग धंधे बंद हैं, इसलिए स्थिति बेहतर हुई है। हमें गंगा की स्थिति में 40-50 फीसदी सुधार दिख रहा है।'
प्रफेसर पीके मिश्रा ने आगे कहा, '15-16 मार्च को हुई बारिश की वजह से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा है, इससे भी नदी की सेहत में सुधार हुआ है। अगर 24 मार्च से पहले के नदी के हालात की तुलना की जाए तो एक अच्छा सुधार दिख रहा है।'