लॉकडाउन: 167 वर्षों में रेलवे ने पहली बार अपने स्थापना दिवस पर यात्रियों की सेवा नहीं की

By भाषा | Published: April 16, 2020 09:32 PM2020-04-16T21:32:41+5:302020-04-16T21:32:41+5:30

इस समय की ही तरह चार दशक पहले भी मालगाड़ियां आवश्यक सामानों की ढुलाई कर रही थीं और यूनियनों ने हावड़ा से दिल्ली तक कालका मेल जैसी रेलगाड़ियां चलाने पर सहमति दी थी।

Lockdown: For the first time in 167 years, Railways has not served passengers on its foundation day | लॉकडाउन: 167 वर्षों में रेलवे ने पहली बार अपने स्थापना दिवस पर यात्रियों की सेवा नहीं की

लॉकडाउन: 167 वर्षों में रेलवे ने पहली बार अपने स्थापना दिवस पर यात्रियों की सेवा नहीं की

Highlights ट्रेन चालकों के कामकाज का समय तय करने और वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर यह हड़ताल की गई थी। पहली भारतीय रेल यात्री गाड़ी का संचालन 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से ठाणे के बीच किया गया था।

नयी दिल्ली: भारतीय रेलवे की स्थापना के बृहस्पतिवार के 167 वर्ष हो गए लेकिन डेढ़ शताब्दी वर्ष से अधिक समय के दौरान पहली बार रेलगाड़ियां अपने स्थापना दिवस पर यार्ड में खड़ी रहीं और देशव्यापी लॉकडाउन के चलते यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं ले गईं। 167 वर्ष पहले आज ही के दिन 1853 में देश में पहली यात्री रेलगाड़ी मुंबई में बोरी बंदर से ठाणे तक चली थी। भारतीयों को 1974 में पहली बार रेलगाड़ियों के बगैर जीवन का अहसास करना पड़ा। मई 1974 में रेलवे की हड़ताल के दौरान चालक, स्टेशन मास्टर, गार्ड्स, ट्रैक कर्मचारी और कई अन्य ने तीन हफ्ते तक ‘चक्का जाम’ किया था। ट्रेन चालकों के कामकाज का समय तय करने और वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर यह हड़ताल की गई थी।

अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं उस समय को याद कर सकता हूं। मुझे याद है कि हमारे नेता जॉर्ज फर्नांडिस ने तत्कालीन रेल मंत्री के साथ लगभग समझौता कर लिया था लेकिन मामला जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास पहुंचा तो यह विफल हो गया।’’ उस वक्त वह रेलवे में अप्रेंटिस थे। उन्होंने कहा, ‘‘फर्नांडिस को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया गया। कामगारों को उस समय काफी कुछ सहना पड़ा था। लेकिन उन दिनों क्षुब्ध कामगारों ने हड़ताल तोड़ने से इंकार कर दिया और अपनी मांगें मनवाने के लिए बड़ा जोखिम उठाया।’’

इस समय की ही तरह चार दशक पहले भी मालगाड़ियां आवश्यक सामानों की ढुलाई कर रही थीं और यूनियनों ने हावड़ा से दिल्ली तक कालका मेल जैसी रेलगाड़ियां चलाने पर सहमति दी थी। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘अपने इतिहास में कभी भी सेवाएं इतने लंबे समय तक बाधित नहीं रहीं।

विश्व युद्धों के दौरान भी नहीं, न ही 1974 की रेल हड़तालों के दौरान या किसी राष्ट्रीय आपदा या प्राकृतिक आपदा के दौरान।’’ पहली भारतीय रेल यात्री गाड़ी का संचालन 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से ठाणे के बीच किया गया था। 14 डिब्बों वाली रेलगाड़ी को 21 तोपों की सलामी दी गई थी और इसमें 400 यात्रियों ने यात्रा की थी। इसे तीन लोकोमोटिव सिंधु, साहिब और सुल्तान ने खींचा था।

Web Title: Lockdown: For the first time in 167 years, Railways has not served passengers on its foundation day

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