LockDown Effects on Business: बदहाल हुए आजमगढ़ के रेशमी साड़ी के कारीगर

By भाषा | Published: May 1, 2020 03:43 PM2020-05-01T15:43:12+5:302020-05-01T15:43:12+5:30

जिले की रेशमी नगरी के नाम से पहचाने जाने वाला कस्बा मुबारकपुर अब कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन चुका है। यहां बनारसी साड़ी कारोबार में लगे बुनकर पहले से ही बदहाल थे लेकिन लॉकडाउन के बाद उनकी स्थिति और खराब हो गयी है।

LockDown Effects on Business: Silk saree artisans of Azamgarh are in worst condition | LockDown Effects on Business: बदहाल हुए आजमगढ़ के रेशमी साड़ी के कारीगर

लॉकडाउन में बदहाल हुए आजमगढ़ के रेशमी साड़ी के कारीगर

Highlightsजिले की रेशमी नगरी के नाम से पहचाने जाने वाला कस्बा मुबारकपुर अब कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन चुका है।यहां बनारसी साड़ी कारोबार में लगे बुनकर पहले से ही बदहाल थे लेकिन लॉकडाउन के बाद उनकी स्थिति और खराब हो गयी है।

आजमगढ़। जिले की रेशमी नगरी के नाम से पहचाने जाने वाला कस्बा मुबारकपुर अब कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन चुका है। यहां बनारसी साड़ी कारोबार में लगे बुनकर पहले से ही बदहाल थे लेकिन लॉकडाउन के बाद उनकी स्थिति और खराब हो गयी है। बंद के एक माह बाद एक बुनकर ने अपनी पीड़ा को स्थानीय भाषा मे गीत ‘चला ले लूम चला ले.........’ के माध्यम से बयान किया तो वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस मार्मिक वीडियो में बुनकर ने साड़ी कारोबार के व्यापारियों, प्रशासन, जनप्रतिनिधि को कोसते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त की है।

मुबारकपुर नगर पालिका की आबादी करीब 3 लाख 15 हजार है जिसमें से करीब डेढ़ लाख लोग बुनकर हैं। यहां बुनकरों द्वारा तैयार साड़ी पूरे विश्व में बनारसी साड़ी के नाम से जानी जाती है। आजादी के बाद इस उद्योग की तूती बोलती थी। हर घर में लूम चलते थे लेकिन पिछले कुछ समय से यह खस्ताहाल में था। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस उद्योग को जिंदा करने के लिए ‘एक जिला एक उत्पाद’ में शामिल किया जिससे यहां के बुनकरों को कुछ राहत जरूर मिली थी लेकिन कुछ ही महीनों बाद कोरोना महामारी का संकट आ गया जिसके कारण 22 मार्च से लूम बंद चल रहे हैं और बुनकर बदहाल हैं।

जिले में कोरोना संक्रमण का पहला मामला भी इसी कस्बे के चकसिकठी मोहल्ले से तीन अप्रैल को सामने आया जिसके बाद कस्बे को सील कर दिया गया। बंद के एक माह बाद एक बुनकर ने गीत के माध्यम से अपनी पीड़ा को मार्मिक रूप से बयां कर वीडियो बनाया। करीब पौने तीन मिनट के वीडियो में बुनकर जावेद अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए ‘चलाले अब लूम चला ले.........’ के माध्यम से कह रहा है कि बुनकर गाल पे हाथ रखकर हमेशा बैठ रहा है। उसे ऐसी चिंता है कि वह कमजोर हो रहा है। बुनकरों का वीडियो जब तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो मुबारकपुर के विधायक शाह आलम उर्फ गुडडु जमाली ने इसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी के पास 27 हजार बुनकरों की सूची उन्हें सौंप कर मदद किये जाने का आग्रह किया।

जिलाधिकारी ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया और मुबारकपुर के बुनकर समितियों, जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बुनकरों को सहायता दिये जाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने बुनकर समितियों, जनप्रतिनिधियों की तरफ से मिली सूची के हिसाब से प्रत्येक बुनकर को एक हजार रुपये सहायता उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये हैं। जिलाधिकारी एनपी सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते मुबारकपुर क्षेत्र सील है। इन क्षेत्रों में किसी भी व्यक्ति को कोई असुविधा न हो इसके लिए यहां के विधायक, चेयरमैन एवं बुनकर प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गयी। उन्होंने बताया कि बैठक में बुनकर संगठनों, प्रतिनिधियों द्वारा मुबारकपुर क्षेत्र के बुनकरों की सूची उपलब्ध करायी गयी। अधिकारियों को सूची के सत्यापन के निर्देश दिये गए हैं एवं इसमें ऐसे बुनकर जो किसी भी योजना के लाभार्थी नहीं हैं और जो न अन्त्योदय, मनरेगा जॉब कार्डधारक और न ही श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिक हैं तथा जिन्हें किसी प्रकार के पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है, ऐसे बुनकरों को अनुमन्य 1,000 रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गए हैं। 

Web Title: LockDown Effects on Business: Silk saree artisans of Azamgarh are in worst condition

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