नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रम को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाते हुए इसे 3 मई तक अनिवार्य कर दिया है। इस बार राहत यह रही कि लॉकडाउन से कुछ क्षेत्रों को जरूरी निर्देशों के साथ बाहर रखा गया। अब कुछ और क्षेत्रों को शुक्रवार को छूट दी गई है। इनमें ग्रामीण इलाकों में निर्माण गतिविधियां और देशभर में पानी की आपूर्ति, साफ-सफाई, बिजली, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों एवं सहकारी ऋण समितियों को काम करने की अनुमति देना शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए 24 मार्च को 14 अप्रैल तक देशभर में लॉकडाउन लगाने की घोषणा की थी लेकिन अब इसकी अवधि को तीन मई तक बढ़ा दिया गया है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को लॉकडाउन के दौरान विभिन्न लोगों और सेवाओं के लिए कई छूट दिये जाने की घोषणा की थी।
कृषि क्षेत्र
केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को भेजे दिशा निर्देशों में कहा कि इमारती लकड़ियों वाले पेड़ों को छोड़कर जंगल के अन्य पेड़ों, इमारती लकड़ियों वाले पेड़ों को छोड़कर अन्य वनोत्पाद के संग्रहण, कटाई और प्रसंस्करण करने में आदिवासियों और वनवासियों को लॉकडाउन से तीन मई तक की छूट दी जाएगी।
निर्माण क्षेत्र
भल्ला ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में निर्माण गतिविधियों, पानी की आपूर्ति, साफ-सफाई, बिजली, दूरसंचार की लाइनें और केबल बिछाने की अनुमति दी जा रही है।
फाइनेंशियल सेक्टर
पूरे देश में गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों, लघु वित्त संस्थानों को बंद के दौरान न्यूनतम कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति दी जा रही है। बांस, नारियल, सुपारी, कोको, मसाले की खेती, उनकी कटाई, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, बिक्री और मार्केटिंग को लॉकडाउन के दौरान छूट दी गई है।