लोक जनतांत्रिक पार्टी (LJP) के प्रमुख रामविलास पासवान और उनके बेटे और सांसद चिराग पासवान ने शुक्रवार को वित्त मंत्री और बीजेपी नेता अरुण जेटली से संसद स्थित चैम्बर में मुलाकात की। चिराग पासवान के 18 दिसंबर को किए दो ट्वीट और मीडिया में दिये बयान के बाद इस अफवाह को बल मिला था कि एलजेपी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग हो सकती है।
गुरुवार (20 दिसंबर) को भी रामविलास पासवान और चिराग पासवान की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, अरुण जेटली एवं अन्य नेताओं से मुलाकात हुई थी। बीजेपी नेताओं और एलजेपी नेताओं ने मतभेद की खबरों से इनकार किया था।
एलजेपी के कुल छह सांसद हैं। रामविलास पासवान और चिराग पासवान दोनों ही लोक सभा सांसद हैं।
चिराग पासवान ने 18 दिसंबर को ट्वीट किया था, "गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओ से मुलाक़ात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पायी है।इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुक़सान भी हो सकता है।"
एक अन्य ट्वीट में चिराग पासवान ने चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के एनडीए से अलग होने का जिक्र किया था। चिराग पासवान ने लिखा था, टीडीपी व रालोसपा के एनडीए गठबंधन से जाने के बाद एनडीए गठबंधन नाज़ुक मोड़ से गुज़र रहा है। ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में फ़िलहाल बचे हुए साथीयों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीक़े से दूर करें।"
एनडीए के साझीदार और नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने पाँच राज्यों के विधान सभा चुनावों के नतीजे आने से एक दिन पहले 10 दिसंबर को नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देते हुे एनडीए से अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) को अलग करने की घोषणा की थी।
उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी ने गुरुवार को बिहार में लालू यादव की राजद और कांग्रेस के महागठबंधन में शामिल होने की घोषणा की। बिहार में नीतीश कुमार की जदयू और बीजेपी की गठबंधन सरकार है।
चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने मार्च 2018 में ही एनडीए से अलग होकर कांग्रेस से हाथ मिला लिया।