लिव-इन में रह रहे विवाहेत्तर संबंधों वाले युगल, संरक्षण के लिए लगा रहे हाईकोर्ट की गुहार, तेजी से बढ़ रही ऐसी याचिकाओं की संख्या
By विशाल कुमार | Published: January 3, 2022 10:52 AM2022-01-03T10:52:03+5:302022-01-03T11:53:13+5:30
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पिछले साल दायर याचिकाओं में लिव-इन (सहजीवन) से जुड़ी याचिकाओं की संख्या कई गुना बढ़ोतरी देखी गयी। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में पिछले साल के आखिरी चार दिन में लिव-इन (सहजीवन) से जुड़ी 160 याचिकाएँ दायर हुईं।
चंडीगढ़:पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सामने हर महीने सुरक्षा की गुहार लगाते हुए करीब 1000 याचिकाएं आती हैं लेकिन साल 2021 में इसमें कई ऐसे मामले शामिल रहे जिसमें लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले विवाहेत्तर संबंधों वाले युगलों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल हाईकोर्ट की सर्दी की छुट्टियों के दौरान 27 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच युगलों के करीब 160 मामले सुनवाई के लिए आए थे।
एक मामले में विवाहेत्तर संबंध में लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाला एक युगल सुरक्षा की मांग कर रहा था जिससे अदालत ने इनकार कर दिया। इसमें 32 वर्षीय शादीशुदा शख्स के दो और 38 वर्षीय विधवा महिला के तीन बच्चे थे।
इसी तरह पिछले साल फरवरी में एक युगल ने महिला के पति से सुरक्षा की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर दोनों में से किसी एक ने भी अपने पूर्व साथी से तलाक नहीं लिया है तो वह ऐसे युगल को सुरक्षा नहीं दे सकता है।
हाईकोर्ट में युगलों के लिए सुरक्षा मामलों से निपटने वाले वकील विशाल मित्तल ने कहा कि ऐसे युगलों के मामले बढ़ रहे हैं, जो पहले से ही शादीशुदा हैं और एक रिश्ते में हैं और सुरक्षा चाहते हैं।
विवाहेतर संबंधों वाले युगलों से जुड़े मामलों के अलावा 2021 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अधिकांश सुरक्षा की मांग करने वाले ऐसे मामलों को देखा, जिसमें युगल या तो बड़े या नाबालिग थे और लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे।
युगलों के संरक्षण के मामले देखने वाले एक अन्य वकील परमजीत सिंह ने बताया कि युगलों द्वारा सुरक्षा मामलों की सूची में ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें एक साथ रहने वाली दो महिलाओं ने सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।