सीएम नीतीश कुमार की तरह उपेन्द्र कुशवाहा भी निकालने जा रहे है यात्रा, कर्मभूमि पश्चिम चंपारण से इस तारीख को शुरू हो रही है यात्रा
By एस पी सिन्हा | Published: February 22, 2023 06:08 PM2023-02-22T18:08:51+5:302023-02-22T18:23:44+5:30
मामले में बोलते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा है कि नीतीश के साथ शुरुआत अच्छी थी, लेकिन अंत बुरा है। उनके अनुसार, नीतीश कुमार जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वो पार्टी के लिए सही नहीं है। वे पड़ोस के घर में अपना वारिस ढूंढ रहे हैं।
पटना: जदयू से अलग होकर नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल बनाने वाले उपेन्द्र कुशवाहा सीएम नीतीश कुमार की राह पर चल पड़े हैं। कुशवाहा नीतीश की तरह ही यात्रा की सियासत शुरू करने जा रहे हैं। ऐसे में इस यात्रा की शुरूआत बापू का कर्मभूमि पश्चिम चंपारण के भितिहरवा से शुरू होगी।
कब से होगी विरासत बचाओ नमन यात्रा शुरू
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा की विरासत बचाओ नमन यात्रा की शुरूआत 28 फरवरी से होगी। ये यात्रा दो चरणों में होगी जिसका पहला चरण 28 फरवरी से 6 मार्च तक होगा। इस यात्रा को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जनता के सवालों और समस्या को लेकर उनकी पार्टी काम करेगी और हम जनता से जुड़े मुद्दों को उठाएंगे।
ऐसे में बुधवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि समाजवादी विचारधारा से जुड़े बिहार के सभी महापुरुषों के जन्मस्थान और कर्मभूमि जाकर उनको नमन करेंगे और उनकी विरासत को बचाने के लिए काम करेंगे।
होली बाद दूसरे चरण की होगी यात्रा
इसलिए उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी यात्रा का नाम हम विरासत बचाओ नमन यात्रा रखें हैं। कुशवाहा ने कहा कि पहले चरण में 28 फरवरी से 6 मार्च तक चलेगी। उसके बाद होली के बाद दूसरे चरण में 15 मार्च से यात्रा की शुरूआत होगी और 20 मार्च को इसका समापन होगा।
इसमें मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया से छपरा और सीवान जाएंगे। होली के बाद दूसरे चरण की शुरुआत 15 मार्च से होगी। यात्रा का समापन 20 मार्च को पटना, नालंदा, शेखपुरा, भागलपुर, जमुई, औरंगाबाद होते हुए अरवल में जगदेव बाबू के गांव में होगा। इस दौरान अलग-अलग जगहों पर सभा का भी आयोजन किया जाएगा।
पड़ोस के घर में सीएम नीतीश ढूंढ रहे अपना वारिस- उपेन्द्र कुशवाहा
इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा है कि नीतीश के साथ शुरुआत अच्छी थी, लेकिन अंत बुरा है। जमीर बेचकर हम अमीर नहीं बन सकते। नीतीश कुमार जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वो पार्टी के लिए सही नहीं है। वे पड़ोस के घर में अपना वारिस ढूंढ रहे हैं। आपको बता दें कि कुशवाहा का इशारा अगले विधानसभा में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर था।