नीतीश कुमार की पार्टी के लोकसभा सांसद ने कहा, 'मोदी है तो मुमकिन है', मचा बवाल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 5, 2023 09:01 AM2023-12-05T09:01:26+5:302023-12-05T09:05:46+5:30
बिहार की सियासत में उस समय भारी बवाल खड़ा हो गया, जब जनता दल (यूनाइटेड) के लोकसभा सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए भाजपा का सुप्रसिद्ध चुनावी नारा - 'मोदी है तो मुमकिन है' कर दिया।
पटना:बिहार की सियासत में उस समय भारी बवाल खड़ा हो गया, जब जनता दल (यूनाइटेड) के लोकसभा सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए भाजपा का सुप्रसिद्ध चुनावी नारा - 'मोदी है तो मुमकिन है' कर दिया।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार सीतामढी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सुनील कुमार पिंटू ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की भारी जीत के बाद भाजपा की तारीफ करते हुए कहा कि 'मोदी है तो मुमकिन है'।
लोकसभा सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा, "चुनाव नतीजों को देखने से पता चलता है कि 'मोदी है तो मुमकिन है'। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में यह नारा दिया था।"
जदयू नेता की इस टिप्पणी पर पार्टी के भीतर खासा घमासान मचा हुआ है। इस संबंध में पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए सांसद पिंटू से मांग की कि अगर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इतने ज्यादा प्रभावित हैं तो उन्हें लोकसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, "अगर पिंटू मोदी से इतने प्रभावित हैं तो उन्हें लोकसभा चुनाव होने से पहले संसद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्हें जल्द से जल्द इस बाबत फैसला लेना चाहिए।"
वहीं दूसरी ओर बिहार बीजेपी के प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिंटू की टिप्पणी 'मोदी है तो मुमकिन है' का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा, "जदयू सांसद पिंटू द्वारा दिया गया बयान कि 'मोदी है तो मुमकिन है', इस बात को दिखाता है कि हर व्यक्ति समझता है कि लोकसभा चुनाव से पहले अभी की स्थिति क्या है।"
मालूम हो कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने पिछले साल भाजपा से नाता तोड़ लिया और एनडीए से बाहर हो गई। उससे पहले नीतीश कुमार की पार्टी भाजपा की सहयोगी थी। एनडीए गठबंधन से अलग होते हुए नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और बाद में राजद-कांग्रेस से हाथ मिला लिया था।
उसके बाद से नीतीश 'महागठबंधन' के साथी हैं और 2024 में पीएम मोदी को सत्ता से हटाने के लिए इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेताओं में से एक हैं।