बीपीएससी अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने जताई नाराजगी, कहा- 'नौजवान जाएं तो जाएं कहां?'
By एस पी सिन्हा | Published: December 7, 2024 04:55 PM2024-12-07T16:55:57+5:302024-12-07T16:56:29+5:30
BPSC: पेपर लीक गिरोह तथा कोचिंग माफिया के इशारे पर बीपीएससी कार्य कर रहा है।
BPSC: बिहार की राजधानी पटना में 70 वीं बीपीएससी में नॉर्मलाइजेशन को लेकर अभ्यर्थियों के द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन को लेकर हुए पुलिस लाठीचार्ज के बाद सियासी गलियारे का पारा चढा हुआ है। इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में उतर गई हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के नौजवान बाहर जाते हैं तब भी उनके साथ मारपीट की जाती है और यहां भी उन पर लाठी बरसाई जा रही है तो आखिरी वो कहां जाएंगे? राबड़ी देवी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि हम लोग आवाज उठाते हैं तो कोई सुनवाई नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि हम लोग तो आवाज उठाए ही हैं। सरकार को इस पर कार्रवाई करना चाहिए। सभी अभ्यर्थी नौजवान हैं, बेरोजगार हैं...अपने रोजगार के लिए धरना प्रदर्शन करते हैं। तो उन पर लाठी बरसाई जा रही है। राबड़ी देवी ने कहा कि धरना प्रदर्शन करने का सबको हक है। इस पर सरकार को विचार करना चाहिए। नौजवान लड़का कहां जाएगा, बिहार से बाहर जाता है तो, बाहर में मारपीट होता है भगाता है लोग यहां भी लाठीचार्ज करिएगा तो कहां जाएगा? तेजस्वी यादव के द्वारा इस मामले में उठाए जा रहे सवाल को लेकर राबड़ी देवी ने कहा कि विपक्ष के नेता हैं तो आवाज उठाएंगे ही।
उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में देखना चाहिए। बता दें कि शुक्रवार को तेजस्वी यादव ने ट्विट कर नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश रिटायरमेंट के उम्र में छात्रों को पिटवा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि जिनकी राजनीति से रिटायर होने की उम्र है वो पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं तथा नौकरी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठियां चलवा रहे है।
नीतीश-भाजपा सरकार द्वारा अभ्यर्थियों पर जो बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया गया है असहनीय एवं निंदनीय है। छात्र पढ़ेंगे भी, सिस्टम से भी लड़ेंगे, नौकरी के लिए सत्ता से भी भिड़ेंगे, सरकार की लाठी भी खाएंगे और वोट भी देंगे। पेपर लीक गिरोह तथा कोचिंग माफिया के इशारे पर बीपीएससी कार्य कर रहा है। अगर सरकार की माफिया से सांठगांठ नहीं है तो छात्रों की वाजिब मांगे स्वीकार करने में सरकार को क्या परेशानी है?