हरियाणा में किसानों पर लाठीचार्ज दूसरे जलियांवाला बाग कांड जैसा : शिवसेना

By भाषा | Published: August 30, 2021 01:23 PM2021-08-30T13:23:57+5:302021-08-30T13:23:57+5:30

Lathi charge on farmers in Haryana like Jallianwala Bagh incident: Shiv Sena | हरियाणा में किसानों पर लाठीचार्ज दूसरे जलियांवाला बाग कांड जैसा : शिवसेना

हरियाणा में किसानों पर लाठीचार्ज दूसरे जलियांवाला बाग कांड जैसा : शिवसेना

शिवसेना ने हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को ‘‘दूसरा जलियांवाला बाग’’ कांड करार दिया और कहा कि एमएल खट्टर सरकार को अब सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के सम्पादकीय में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमृतसर में पुनर्निर्मित जलियांवाला बाग परिसर का उद्घाटन कर रहे थे, तब हरियाणा में दूसरा जलियांवाला बाग कांड हो रहा था। गौरतलब है कि भाजपा की एक बैठक के विरोध में करनाल की तरफ जाते हुए, राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित करने वाले किसानों के एक समूह पर शनिवार को पुलिस द्वारा कथित लाठीचार्ज किए जाने से करीब 10 लोग घायल हो गए। इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ और अन्य नेताओं को भी शामिल होना था। सम्पादकीय में कहा गया, ‘‘ सरकार द्वारा बोए जा रहे क्रूरता के बीज खट्टे फल ही देंगे। यह पक्का है...मनोहर लाल खट्टर की सरकार को सत्ता में बने रहने का अब कोई अधिकार नही हैं।’’ ‘सामना’ में कहा गया कि लाठीचार्ज की घटना भारत के किसानों को विद्रोह करने को लेकर उकसा सकती है और उनके बहे खून की एक एक बूंद का वह बदला ले सकते हैं। ‘‘ हरियाणा में किसानों के सिर पर लाठियां मारी गई, क्योंकि वे मुख्यमंत्री खट्टर के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। एक केन्द्रीय मंत्री, जिसने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान दिया और जब उनके खिलाफ कानूनी तौर पर कार्रवाई की गई तो राज्य सरकार को असहिष्णु कहा गया। खट्टर सरकार की किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर आलोचक चुप क्यों हैं? ’’ गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में मंख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘ मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’’ इसके बाद मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था, हालांकि उसी रात उन्हें जमानत मिल गई थी। सम्पादकीय में कहा गया, ‘‘ किसान पिछले करीब एक साल से दिल्ली के पास गाजीपुर बॉर्डर पर केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने, कृषि के निजीकरण को रोकने, एपीएमसी को चुनिंदा कॉरपोरेट्स द्वारा अपने अधीन में लेने से रोकने, एमएसपी कानून की वापसी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री ने अब तक उनसे मुलाकात नहीं की। सरकार का दिल पत्थर का है। सरकार को ‘जन आर्शीवाद’ चाहिए। क्या किसानों के सिर तोड़कर उन्हें लोगों का आर्शीवाद मिलेगा?’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पुननिर्मित जलियांवाला बाग परिसर का एक ऑनलाइन कार्यक्रम में उद्घाटन किया था। पंजाब के अमृतसर के जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को प्रदर्शनकारियों की एक बड़ी और शांतिपूर्ण सभा पर ब्रिटिश सेना ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 1,000 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए थे।

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Web Title: Lathi charge on farmers in Haryana like Jallianwala Bagh incident: Shiv Sena

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