जमीन के बदले नौकरी मामला: 25 मार्च को होंगे सीबीआई के समक्ष पेश तेजस्वी, राजद ने कहा- जानकारी के अभाव में कुछ गलत चीजें पेश की गई
By एस पी सिन्हा | Published: March 16, 2023 05:42 PM2023-03-16T17:42:45+5:302023-03-16T17:44:21+5:30
Land-for-job case: मामला लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान परिवार को कथित तौर पर उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में की गई नियुक्तियों से जुड़ा है।
पटनाः सीबीआई के सामने पेश होने से बच रहे बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अब फिर से तलब किया गया है कि वह 25 मार्च को सीबीआई कार्यालय में हाजिर हों ताकि उनसे रेलवे में जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में पूछताछ की जा सके। तेजस्वी यादव तीन बार समन जारी होने के बाद भी पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए हैं।
इस मामले को लेकर भाजपा लगातार विधानसभा में हंगामा कर रही है। जबकि तेजस्वी यादव और राजद के नेता कहते नजर आ रहे हैं कि इस मामले को बिना जाने तुल दिया जा रहा है। इस संबंध में राजद नेता व पार्टी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि जमीन के बदले नौकरी के मामले में जानकारी के अभाव में कुछ गलत चीजें परोसी जा रही हैं।
तेजस्वी जमीन के बदले नौकरी के मामले में आरोपी नहीं हैं, ना चार्जशीट में नाम है। गवाह के तौर कई लोगों का नाम दिया गया है, जिसमें तेजस्वी का भी नाम भी शामिल है। उन्होंने कहा कि यह कोई अभियुक्त के रूप में नहीं और ना ही इनका नाम चार्ज शिट में या प्राथमिकी में इनका नाम है। लेकिन कुछ लोग इसको गलत तरीके से परोशने का काम कर रहे हैं। इस मामले में तरह-तरह की बात परोस रहे हैं।
न्यायालय ने सही निर्णय लिया है। तेजस्वी यादव के मामले में सब कुछ साफ है। जब शक्ति यादव से यह सवाल किया गया कि भाजपा तो कह रही तेजस्वी यादव की गिरफ्तारी जरूरी है, इसपर उन्होंने कहा कि गवाह कोई अपराध नहीं होता। न्यायालय ने सही समय पर निर्णय लिया है। भाजपा जो चाहेगी वो नही होगा। भाजपा का बस चले तो विपक्ष के सभी नेताओं को जेल भेज दे।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया कि वह इस महीने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को गिरफ्तार नहीं करेगा, जिसके बाद नेता ने जमीन के बदले नौकरी मामले में पूछताछ के लिए 25 मार्च को एजेंसी के समक्ष पेश होने को लेकर सहमति जतायी।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने सीबीआई के वकील का बयान दर्ज किया कि एजेंसी की इस महीने तेजस्वी यादव को गिरफ्तार करने की कोई योजना नहीं है। इस आश्वासन के बाद तेजस्वी यादव की ओर से अदालत में पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल 25 मार्च को सीबीआई के दिल्ली मुख्यालय में जांच अधिकारी के समक्ष पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे पेश होंगे।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर करने के बाद उस याचिका का निपटारा किया, जिसमें तेजस्वी यादव ने केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को रद्द करने का अनुरोध किया था। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बेटे तेजस्वी ने याचिका में कहा था कि उन्होंने कई पत्रों के माध्यम से जांच अधिकारी से अनुरोध किया कि उन्हें कुछ समय दिया जाए क्योंकि बिहार विधानसभा का वर्तमान सत्र पांच अप्रैल तक चलेगा।
तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने अनुरोध किया था कि या तो उन्हें पटना स्थित सीबीआई कार्यालय में उपस्थित होने की अनुमति दी जाए या अगर उनसे कोई जानकारी या दस्तावेज चाहिए तो वह नयी दिल्ली में अपने अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से उसे मुहैया करा देंगे।
वहीं, न्यायाधीश ने सुझाव दिया कि पांच अप्रैल तक सीबीआई वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए तेजस्वी यादव से पूछताछ के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर सकती है, इस पर सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कहा कि यादव का व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहना जरूरी है क्योंकि उन्हें कुछ दस्तावेज दिखाने होंगे और एजेंसी का आरोपपत्र तैयार है, जिसे इसी महीने अदालत में दाखिल करना है।
हालांकि, सीबीआई के वकील ने अदालत को भरोसा दिलाया कि तेजस्वी यादव को इस महीने गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। इस पर, वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा, ‘‘लेकिन, बाद में जांच अधिकारी कहेंगे कि ऊपर से फोन आ गया था। ये ऊपर का फोन बहुत खतरनाक होता है। तंत्र हमारे जैसे लोगों के लिए अनुकुल नहीं है।’’