लालू यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 के सवाल पर कहा, "हमें तानाशाही सरकार को हटाना है... मोदी को हटाना है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 17, 2022 04:22 PM2022-08-17T16:22:50+5:302022-08-17T16:26:41+5:30
बिहार में नीतीश-तेजस्वी सरकार के गठन के बाद लालू यादव ने पूरे आत्म विश्वास के साथ कहा कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को हराना है।
दिल्ली: राष्ट्रीय जनता के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिहार में जदयू-राजद की सरकार बनने के बाद पहली बार बयान देते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में तानाशाही सरकार को गद्दी से हटाना है। लालू यादव बीमारी की हालत में दिल्ली में इलाज कराने के कारण बिहार में जदयू-राजद सरकार के गठन के समय में पटना नहीं जा सकते थे। लेकिन सरकार के गठन के बाद लालू यादव ने पूरे आत्म विश्वास से नीतीश कुमार की नई सरकार की तारीफ की और केंद्र की मोदी सरकार को घेरने का प्रयास किया।
लालू यादव से पत्रकारों ने जब पूछा कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए राजद किस तरह की रणनीति तैयार कर रही है तो उसके जवाब में लालू यादव ने कहा "हमें तानाशाही सरकार को हटाना है... मोदी को हटाना है।"
#WATCH | "We have to oust the dictatorial govt. Hatana hai, Modi ko hatana hai," says RJD chief Lalu Prasad Yadav says when asked about 2024 polls
— ANI (@ANI) August 17, 2022
"Sushil Modi is a liar. It's all wrong," when asked about BJP MP Sushil Modi's allegations after the new Govt came to power in state pic.twitter.com/L7LcH8jCLo
इसके अलावा लालू यादव ने बिहार में बनी नई नीतीश-तेजस्वी सरकार पर हमलावर हुए राज्यसभा सांसद सुशील मोदी के प्रश्न पर कहा, "सुशील मोदी झूठे हैं। वह सब गलत बोल रहे हैं।"
मालूम हो कि बिहार में नई सरकार के गठन से पहले और भाजपा का साथ छोड़ने के बाद नीतीश कुमार पर भाजपा बेहद हमलावर है और इसके लिए उसने नीतीश कुमार के साथ बिहार की सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी को मैदान में उतारा है। राज्यसभा सांसद सुशील मोदी इन दिनों नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर बने हुए हैं।
ताजा मामला राजद के विधायक और बिहार के क़ानून मंत्री कार्तिकेय सिंह से जुड़ा हुआ है। मंत्री कार्तिकेय सिंह पर आरोप है कि साल 2014 में हुए एक अपहरण में उनकी संदिग्ध संलिप्तता पाई गई थी।
इस मामले में सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि "खुद कार्तिकेय सिंह ने अपने चुनावी हलफनामे में अपहरण के आरोपों को स्वीकार किया है। अपहरण के मामले में कार्तिकेय सिंह को 16 अगस्त को कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करना था लेकिन वे नीतीश सरकार में शपथ लेने के लिए चले आये। यह सब मुख्यमंत्री की जानकारी में था।"
वहीं जब विवाद मीडिया में आया और सुशील मोदी के आरोप पर विवाद गहरा होने लगा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद मामले में सफाई देने के लिए सामने आये। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "बिहार में क़ानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर जारी वारंट के विषय में उन्हें कोई जानकारी नहीं है, वो इस मामले को स्वयं देखेंगे।"
विवाद पर मंत्री कार्तिकेय सिंह ने भी सफाई पेश की है। उन्होंने कहा, "हलफनामा सभी मंत्री, विधायक सब देते हैं, इसमें ऐसी कोई बात नहीं है।" बताया जा रहा रहे है कि राजद नेता और नीतीश सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को अदालत ने 12 अगस्त को एक आदेश जारी करते हुए आगामी 1 सितंबर तक अंतरिम सुरक्षा प्रदान किया था।
मंत्री कार्तिकेय सिंह पर लगे आरोप पर केवल पटना ही नहीं बल्कि दिल्ली में सियासत गर्म है। देश के पूर्व गृह सचिव और केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह ने कहा, "अनंत सिंह एक दुर्दांत अपराधी है और मुख्यमंत्री को ये सब नहीं पता है। ये विश्वास करने वाली बात है? कार्तिकेय सिंह को बर्खास्त किया जाना चाहिए।"
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने नीतीश सरकार पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "मैं बिहार से हूं और जो हो रहा है उससे मैं शर्मिंदा हूं। जंगलराज शुरू हो गया है। कानून मंत्री खुद फरार है, वो भी अपहरण के मामले में। आपने कैसे आदमी को कानून मंत्री बना दिया जो अनंत सिंह का दाहिना हाथ है।"
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि पटना उच्च न्यायालय इस पर गंभीरता से ध्यान देगा। नीतीश कुमार जी कुछ तो हिम्मत दिखाइए। मैं अपेक्षा करता हूं कि कार्तिकेय सिंह को बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।"