Bihar: राजद के पोस्टरों से गायब हुए लालू-राबड़ी, तेजस्वी बने सर्वेसर्वा, सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गरम
By एस पी सिन्हा | Published: January 15, 2025 06:03 PM2025-01-15T18:03:59+5:302025-01-15T18:34:48+5:30
पोस्टर में तेजस्वी यादव की काफी बड़ी तस्वीर भी छपी है, लेकिन राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित परिवार के अन्य सदस्यों की तस्वीर गायब है। इससे लालू में उभरे मतभेद के भी कयास लगाए जाने लगे हैं।

Bihar: राजद के पोस्टरों से गायब हुए लालू-राबड़ी, तेजस्वी बने सर्वेसर्वा, सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गरम
पटना: बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए अभी से ही सियासी चहलकदमी तेज हो गई है। प्रदेश के चौक-चौराहे नेताओं के पोस्टरों से सजाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में राजद के प्रदेश कार्यालय पर एक नया पोस्टर लगाया है। इस पोस्टर में तेजस्वी यादव की ओर से किए गए वादों को दिखाया गया है। इन पोस्टरों में तेजस्वी यादव को बिहार के लिए जरूरी बताया गया है, तो वहीं तेजस्वी यादव को राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर भी दिखाया गया है। पोस्टर में तेजस्वी यादव की काफी बड़ी तस्वीर भी छपी है, लेकिन राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित परिवार के अन्य सदस्यों की तस्वीर गायब है। इससे लालू में उभरे मतभेद के भी कयास लगाए जाने लगे हैं।
इन पोस्टरों में सिर्फ तेजस्वी यादव की तस्वीर है। इसके अलावा लालटेन की तस्वीर है। कुछ पोस्टरों में तेजस्वी यादव द्वारा किए गए वादों को भी लिखा गया है, लेकिन पार्टी के सर्वेसर्वा लालू प्रसाद यादव की फोटो नजर नहीं आ रही है। यह पोस्टर किसी नेता ने नहीं बल्कि पार्टी की तरफ से ही लगाया गया और इससे पोस्टर से राजद के राजद प्रमुख की ही तस्वीर गायब होने से सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
दअरसल, कई मौकों पर भाजपा और जदयू के नेता बिहार के लोगों को लालू-राबड़ी शासन की याद दिला राजद पर निशाना साधते हैं। राजद के 2005 के पहले के शासन को जंगलराज कह कर वो तेजस्वी यादव पर भी तंज कसते हैं। माना जा रहा है कि एक रणनीति के तहत राजद ने इस चुनाव से पहले लालू यादव और राबड़ी देवी की तस्वीरों को गायब कर दिया है, ताकि जनता को यह विश्वास दिलाया जा सके कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद बिल्कुल नए तेवर और कलेवर में तैयार है। सियासी जानकारों का कहना है कि लालू यादव-राबड़ी देवी के 15 साल के शासनकाल को जंगलराज के तौर पर जाना जाता है।
बिहार के लोग उसे आज तक भूल नहीं सके हैं। खुद राजद भी यह बात जानती है। तभी तो 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने 15 साल के लालू-राबड़ी शासनकाल के दौरान हुई गलतियों को लेकर माफी मांगी थी। साथ ही राजद ने तेजस्वी को चेहरा रखते हुए लालू यादव-राबड़ी देवी को पोस्टरों से हटा दिया था। इसका पार्टी पर सकारात्मक असर हुआ था और पार्टी को 75 सीटों पर जीत मिली थी। शायद पिछली कवायद को ही इस्तेमाल करने की कवायद के तहत राजद ने एक बार फिर से लालू-राबड़ी की तस्वीर हटाकर तेजस्वी यादव को प्रमोट किया है।
माना जा रहा है कि पिछली बार की सफल रणनीति के तहत राजद ने इस चुनाव से पहले लालू प्रसाद और राबड़ी देवी की तस्वीरों को गायब कर दिया है, ताकि जनता को यह विश्वास दिलाया जा सके कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद बिल्कुल नए तेवर और कलेवर में तैयार है। वहीं, इसको लेकर भाजपा और जदयू ने राजद पर निशाना साधा है। भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्णा ने तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने लालू-राबड़ी को रिटायर कर दिया है। लालू यादव अपनी नालायक पीढ़ी के चलते पार्टी खत्म होते देख रहे हैं। वहीं जदयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि पहले लालू यादव ने राजद को पारिवारिक पार्टी बनाया था और अब पोस्टर में सिर्फ तेजस्वी यादव की फोटो से लगने लगा है कि वो एक कदम आगे बढ़ कर राजद को व्यक्ति विशेष की पार्टी बनाना चाहते हैं।