चारा घोटाला: तीसरे मामले में लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा दोनों को 5-5 साल की जेल की सजा

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 24, 2018 11:38 AM2018-01-24T11:38:25+5:302019-08-19T14:57:30+5:30

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े दो मामलों में क्रमशः पांच साल और साढ़े तीन साल कारावास की सजा हो चुकी है।

Lalu Prasad Yadav Foddar Scam Verdict: Court Find him Guilty | चारा घोटाला: तीसरे मामले में लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा दोनों को 5-5 साल की जेल की सजा

चारा घोटाला: तीसरे मामले में लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा दोनों को 5-5 साल की जेल की सजा

रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार (24 जनवरी) को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को दोषी करार देते हुए पाँच-पाँच साल कारावास की सजा सुनायी है। चाईबासा ट्रेजरी से जुड़ा ये दूसरा मामला है। सरकारी कोषागार (ट्रेजरी) से साल 1992-93 में अवैध रूप से 33 करोड़ रुपये निकालने के मामले में अदालत ने लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा समेत कुल 56 अभियुक्तों में से 50 को दोषी पाया। अदालत ने छह अभियुक्तों को सभी आरोपों से बरी कर दिया। फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव ने कहा कि वो इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे।

इससे पहले चारा घोटाले से जुड़े दो मामलों में 69 वर्षीय लालू यादव को सजा हो चुकी है। चाईबासा ट्रेजरी से जुड़े एक अन्य मामले में अदालत पहले ही लालू यादव को साल 2013 में पांच साल की सजा सुना चुकी है। चारा घोटाले से जुड़े देवघर ट्रेजरी मामले में दिसंबर 2017 में लालू यादव एवं अन्य दोषियों को साढ़े तीन साल कारावास की सजा हुई थी। लालू यादव चारा घोटाले से जुड़े पाँच मामलों में अभियुक्त बनाए गये थे जिनमें से दो का फैसला आना अभी बाकी है।

साल 1996 में सीबीआई ने कांड संख्या- RC68A/96 के तहत 76 लोगों पर केस दर्ज किया था। 12 दिसंबर 2001 को को लालू समेत 56 आरोपियों पर सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल किया था।  10 जनवरी 2018 को सीबीआई के विशेष न्यायधीश एसएस प्रसाद ने सुनवाई करते हुए फैसले के लिए तारीख निर्धारित की थी। चाईबासा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए इस घोटले में, अब तक 14 आरोपियों की मौत हो चुकी है। साल 1992-93 में पशुपालन विभाग को राज्य सरकार की ओर से चारा खरीदने के लिए 7.10 लाख का आवंटन मिला था। लेकिन फर्जी आवंटन और बिल के आधार पर ट्रेजरी से 33 करोड़ 67 लाख 534 रुपए की निकासी की गई थी। इस मामले में सीबीआई ने 203 गवाही हुई है। वहीं लालू प्रसाद यादव की तरफ से 17 और बाकी आरोपियों की तरफ से 6 गवाही हुई है।

चारा घोटाले के इस मामले से जुड़े जरूरी फैक्ट

चारा घोटाले से जुड़े इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, विद्यासागर निषाद और जगदीश शर्मा आरोपी थे। मामले के 14 आरोपियों चंद्रदेव प्रसाद वर्मा, भोला राम तुफानी, डॉ. रामराज राम, के अरूमुघम, डॉ. एसबी शर्मा, ब्रजभूषण प्रसाद, डॉ. पांडेय सीपी शर्मा, डॉ. दुबराज दोरई, डॉ. जीपी त्रिपाठी, चंद्रशेखर दुबे, डॉ. रंजीत कुमार मिश्रा, एसएन सिन्हा, सकुंतला सिन्हा व राजो सिंह का मुकदमे का फैसला आने से पहले निधन हो चुका है।

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मामले के तीन आरोपी दीपेश चंडोक, आरके दास व शैलेश प्रसाद सिंह सरकारी गवाह बन गए। दो आरोपी सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने ट्रायल के दौरान दोष स्वीकार कर लिया। इसके बाद दोनों को पहले ही सजा सुना दी गई थी। मामले में पशुपालन विभाग के छह पदाधिकारी केएन झा, केएम प्रसाद, बीएन शर्मा, डॉ. राम प्रकाश राम, डॉ. एमके श्रीवास्तव और डॉ. अर्जुन शर्मा भी अभियुक्त थे। इनके अलावा इस घोटाले में तीनआईपीएस अधिकारी, एक कोषागार पदाधिकारी, पशुपालन विभाग के छह पदाधिकारी और 40 आपूर्तिकर्ता शामिल हैं।

Web Title: Lalu Prasad Yadav Foddar Scam Verdict: Court Find him Guilty

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