2019 के लोकसभा चुनावी मैदान में नहीं दिखेंगे लालू! डायबिटीज-दिल की बीमारी के बाद हुई न्यूरो की समस्या

By एस पी सिन्हा | Published: October 7, 2018 08:12 PM2018-10-07T20:12:59+5:302018-10-07T20:12:59+5:30

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इन मुश्किलों के कारण उनका 2019 और 2020 के चुनावी मैदान में उतरना लगभग असंभव सा दिख रहा है।

Lalu prasad yadav 2019 Lok Sabha elections Neuro Problems After Diabetes Heart Disease | 2019 के लोकसभा चुनावी मैदान में नहीं दिखेंगे लालू! डायबिटीज-दिल की बीमारी के बाद हुई न्यूरो की समस्या

2019 के लोकसभा चुनावी मैदान में नहीं दिखेंगे लालू! डायबिटीज-दिल की बीमारी के बाद हुई न्यूरो की समस्या

पटना,7 अक्टूबर: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इन मुश्किलों के कारण उनका 2019 और 2020 के चुनावी मैदान में उतरना लगभग असंभव सा दिख रहा है। कारण कि अभी वह किडनी फेल्योर, डायबिटीज, दिल की बीमारी, प्रोस्टेट सहित दर्जन भर से अधिक बीमारियों से जूझने के साथ हीं अब एक नई बीमारी की गिरफ्त में आ गए हैं। वह अब न्यूरो की समस्या से भी जूझने लगे हैं।

सूत्रों ने बताया कि वह अब रिम्स के बाथरूम जाने के क्रम में अचानक उनके पैर लड़खड़ाने लगते हैं। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि लालू प्रसाद यादव नस की कमजोरी की समस्या से भी जूझने लगे हैं। इस विकार के बारे में यह धारणा है कि यह मधुमेह माइक्रोवैस्कुलर क्षति का परिणाम है। इसमें छोटी रक्त वाहिकाएं शामिल होती हैं, जो अंत में मधुमेही न्यूरोपैथी का रूप धारण कर लेती है।

इसलिए अब ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। दूसरी ओर उनके इलाज में भी बदलाव किया गया है। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार लगातार अनियंत्रित ब्लड शुगर ने लालू प्रसाद यादव के नर्वस सिस्टम पर प्रभाव डालना शुरू कर दिया है। नतीजा यह है कि जब भी राजद प्रमुख बिस्तर से उठने की कोशिश करते हैं, उन्हें चक्कर आना शुरू हो जाता है। डॉक्टर इसे साइंस की भाषा में ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी बीमारी बताते हैं। इसमें ब्रेन को ब्लड सप्लाई कम हो जाती है, जिससे मरीज को चक्कर आता है।

उधर, बीमारियों के अलावा आईआरसीटीसी स्कैम में भी लालू मुश्किलों में हैं। आईआरसीटीसी घोटाला मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य को नियमित जमानत को दे दी है लेकिन लालू पर फैसला आना बाकी है। जबकि आने वाले समय में अब लालू यादव को चारा घोटाले के तीन मामलों में सर्वोच्च न्यायालय से जमानत लेनी होगी। 

उसके अलावा उन्हें आईआरसीटीसी मामले में भी अब दिल्ली की सीबीआई कोर्ट में जमानत याचिका दायर करनी होगी। मतलब पांच मामलों में लालू यादव को जब तक जमानत नहीं मिलती तब तक वो जेल से बाहर नहीं निकलेंगे। बताया जाता है कि आईआरसीटीसी मामले में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर 19 नवंबर को सुनवाई होगी। उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया जाएगा।

उनको जमानत मिलने को लेकर संशय बना हुआ है। दूसरी ओर चारा घोटाला से जुडे मामले में लालू की सजा कम किए जाने के खिलाफ सीबीआई रांची हाईकोर्ट भी गई है। जो लालू यादव के लिए परेशानी का एक अलग कारण है। लालू के वकीलों को मालूम है कि सर्वोच्च न्यायालय में जब उनकी जमानत याचिका पर बहस होगी तब सीबीआई वर्तमान सरकार और जांच एजेंसी के अंदर के समीकरण के दबाव में उसका जमकर विरोध करेगी।

ऐसे में संभावना है कि सर्वोच्च न्यायालय में सीबीआई विरोध का मुख्य आधार यही रखेगी कि उन्होंने सजा का 50 प्रतिशत जेल में नहीं बिताया है। झारखंड उच्‍च न्यायालय द्वारा चारा घोटाले में कई आरोपियों को हाल के दिनों में इसी आधार पर जमानत मिली है कि उन्होंने अपने सजा का पचास प्रतिशत समय हिरासत में काट लिया है। इस पृष्‍ठभूमि में लालू यादव का अगले साल मार्च-अप्रैल तक रिहा होना मुश्किल दिखता है।

 अगर मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें जमानत मिल भी गई तो उसकी शर्तों में शायद ही कोर्ट उन्हें चुनाव प्रचार में जाने की अनुमति दे। इन परिस्थितियों में अगर लालू यादव पहली बार 1977 के बाद चुनाव प्रचार से अलग रहे तो उनके पार्टी के नेताओं का मानना है कि कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। ऐसे में आने वाले दो चुनावी सालों में लालू की मौजूदगी और उनकी सक्रियता पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। इसतरह यह पहला मामला होगा जब राजद को लालू यादव के बगैर चुनाव मैदान में उतरना होगा।

Web Title: Lalu prasad yadav 2019 Lok Sabha elections Neuro Problems After Diabetes Heart Disease

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