लालू को जमानत नहीं मिलने से घर छायी मायूसी, महागठबंधन की राजनीतिक खिचड़ी नहीं होगी दमदार!

By एस पी सिन्हा | Published: January 11, 2019 07:08 PM2019-01-11T19:08:39+5:302019-01-11T19:08:39+5:30

लालू यादव को जमानत नही मिलने पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि लालू यादव को जमानत मिलती तो बिहार में महागठबंधन और अधिक मजबूत होता. उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह भाजपा का चुनावी स्टंट है. उन्होंने नीच के बहाने नीतीश कुमार को भी आड़े हाथों लिया. 

lalu prasad family is downcast after his bail plea dismissed by ranchi high court | लालू को जमानत नहीं मिलने से घर छायी मायूसी, महागठबंधन की राजनीतिक खिचड़ी नहीं होगी दमदार!

लालू को जमानत नहीं मिलने से घर छायी मायूसी, महागठबंधन की राजनीतिक खिचड़ी नहीं होगी दमदार!

चारा घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को जमानत नहीं मिलने से न केवल उनके घर बल्कि उनके महागठबंधन में भी काफी निराशा देखी जा रही है. लालू के जेल से बाहर नहीं निकलने से जहां लालू आवास पर दही-चूड़ा का दौर उदास रहेगा, वहीं महागठबंधन की राजनीतिक खिचड़ी भी दमदार नहीं होने की संभावाना जताई जाने लगी है. ऐसे में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी ​काफी निराश हैं.

लालू यादव को जमानत नही मिलने पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि लालू यादव को जमानत मिलती तो बिहार में महागठबंधन और अधिक मजबूत होता. उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह भाजपा का चुनावी स्टंट है. उन्होंने नीच के बहाने नीतीश कुमार को भी आड़े हाथों लिया. 

दरअसल, महागठबंधन में शामिल तमाम घटक दलों को काफी उम्मीद थी कि लालू यादव को झारखंड हाइकोर्ट से जमानत मिल जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. जमानत नही मिलने से सबसे ज्यादा झटका राजद को लगा है. वहीं महागठबंधन में शामिल घटक दलों को भी झटका लगा है. इसे लेकर रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी काफी निराश हैं. 

उन्होंने कहा कि राजद प्रमुख को जमानत मिलती तो महागठबंधन में और अधिक मजबूती आती. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कानून है और कोर्ट में कानून के अनुसार काम होता है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर मामले को लेकर भाजपा पर तंस कसने से भी नहीं चूके. 

उन्होंने कहा कि राम मंदिर केवल चुनाव भर के लिए रहता है. राम मंदिर बनाने की नियत कभी भाजपा की नहीं रही है. उन्होंने नीच वाले बयान पर एक बार फिर नीतीश कुमार को घेरा. उन्होंने सवाल दागते हुए कहा कि क्या किसी मुख्यमंत्री को इस तरह का घटिया बयान देना शोभा देता है? उन्होंने कहा कि यह तो हद है कि मुख्यमंत्री किसी को नीच तो किसी को सडक छाप कह देते हैं. वे अपनी बौखलाहट में काफी नीचे उतर गए हैं.

वहीं, जानकारों का मानना है कि ऐसे में महागठबंधन की खिचडी पर भी काले बादल घिरते दिख रहे हैं. लालू के जमानत नहीं मिलने से महागठबंधन में सीटों के बंटवारे में परेशानी आ सकती है. महागठबंधन में घटक दलों की संख्या ज्यादा हो गई है और बिहार में कांग्रेस पार्टी राजद से बराबरी का ताल ठोक रही है. ऐसे में सीटों के बंटवारे का पेंच फंसना तय लग रहा है. 

लोकसभा चुनाव और उसके बाद बिहार में विधानसभा के चुनाव भी होने वाले हैं. लालू ने ही एनडीए को हराने के लिए महागठबंधन की नींव रखी थी जिसपर कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी मुहर लगाई थी. हालांकि, तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत से महागठबंधन उत्साहित है. लेकिन उत्तरप्रदेश में सपा-बसपा के एकजुट होने और महागठबंधन में शामिल नहीं होने के फैसले से हानि हो सकती है. 

लालू के जमानत नहीं मिलने से तेजस्वी यादव के कंधे पर बडी जिम्मेदारी आ गई है. सीट शेयरिंग की बात करने के लिए या राजद में कौन कहां से चुनाव लड़ेगा इसपर बात करने के लिए बार-बार उनका पिता के पास रिम्स जाना संभव नहीं हो सकेगा. ऐसे में लोकसभा का चुनाव उनके लिए बड़ी चुनौती है. 

यहां उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी लालू यादव ने जेल में ही मकर संक्रांति के दिन चूड़ा-दही खाया था और रात में खिचड़ी खाई थी. उससे पहले लालू ने जज से भी हंसी-ठिठोली की थी. कोर्ट में लालू प्रसाद यादव अपने ही अंदाज में चुटीली बातें करते दिखे तो जज भी नहले पर दहला दे रहे थे. लालू ने जज से कहा था कि चूडा-दही हमलोग संक्रांति में खाते थे, अब क्या करेंगे सर? 

जज ने कहा कि हम यहीं व्यवस्था कर देंगे. कितना दही चाहिए. इसपर लालू ने कहा था कि ई विभाग तो हम यादव लोगों का ही है सर, रिहा होकर जाते तो आपको भी बुलवाकर चूडा-दही खिलाते. आप हमलोग को रिहा करेंगे न सर तो तीन-चार दिन इधर जंगल में ही रह जाएंगे. 

यहां बता दें कि मकर संक्रांति के अवसर पर हर साल राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पटना आवास पर बडा भोज होता था. हजारों समर्थक व कार्यकर्ता जुटते थे. सियासी दिग्‍गजों का भी जमावड़ा होता था. लेकिन, पिछली बार भी लालू जेल में ही थे और इस साल सजायाफ्ता लालू तबीयत खराब होने के कारण रिम्स में भर्ती हैं. इस कारण उनकी पार्टी (राजद) तथा लालू परिवार मकर संक्रांति मनाएगा या नहीं, इसपर संशय है.

Web Title: lalu prasad family is downcast after his bail plea dismissed by ranchi high court

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