साजिश के तहत हुई लखीमपुर हिंसा: एसआईटी, प्रियंका ने अजय मिश्रा की भूमिका की जांच की मांग की

By भाषा | Published: December 14, 2021 02:47 PM2021-12-14T14:47:27+5:302021-12-14T14:47:27+5:30

Lakhimpur violence as part of conspiracy: SIT, Priyanka demand probe into Ajay Mishra's role | साजिश के तहत हुई लखीमपुर हिंसा: एसआईटी, प्रियंका ने अजय मिश्रा की भूमिका की जांच की मांग की

साजिश के तहत हुई लखीमपुर हिंसा: एसआईटी, प्रियंका ने अजय मिश्रा की भूमिका की जांच की मांग की

लखीमपुर खीरी/लखनऊ (उप्र), 14 दिसंबर लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अब तक की छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' के पुत्र और उसके सहयोगियों द्वारा जानबूझकर, सुनियोजित साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया।

एसआईटी के मुख्य जांच निरीक्षक विद्याराम दिवाकर ने मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में दिये गये आवेदन में आरोपियों के विरुद्ध उपरोक्‍त आरोपों की धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है।

इस बीच, कांग्रेस की महासचिव और उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की भूमिका की भी जांच की मांग की है। प्रियंका ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘न्‍यायालय की फटकार व सत्याग्रह के चलते अब पुलिस का भी कहना है कि गृह राज्य मंत्री के बेटे ने साजिश करके किसानों को कुचला था।’’ इसी ट्वीट में उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘इस बात की जांच होनी चाहिए कि साजिश में गृह राज्य मंत्री की क्या भूमिका थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किसान विरोधी मानसिकता के चलते उन्हें पद से भी नहीं हटाया है।’’

वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी (एसपीओ) एस पी यादव ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांचकर्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाने), 338 (गंभीर चोट पहुंचाना), 304 ए (लापरवाही से मौत का कारण), 307 (हत्या का प्रयास), 326 (जानबूझकर खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना), 34 (समान इरादों से कई व्यक्तियों द्वारा किया गया कृत्य) से बदलने का अनुरोध किया है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू समेत उसके 13 साथियों द्वारा लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों को जीप से कुचलने का आरोप है।

जांच अधिकारी दिवाकर ने सीजेएम को दिये गये आवेदन में उपरोक्‍त मुकदमे का संदर्भ देते हुए कहा है कि मुकदमा अपराध संख्या 219/21 में धारा 147, 148, 149, 279, 338, 304 ए, 302 और 120 बी के तहत आशीष मिश्रा समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके तहत आरोपी आशीष मिश्रा समेत कुल 13 लोगों को उपरोक्‍त धाराओं में गिरफ्तार किया गया।

एसपीओ के मुताबिक जांच अधिकारी ने सीजेएम को भेजे गये आवेदन में कहा है कि अब तक की विवेचना व संकलित साक्ष्यों से यह प्रमाणित हुआ है कि आरोपियों द्वारा आपराधिक कृत्य को लापरवाही से नहीं बल्कि जानबूझकर सुनियोजित साजिश के तहत जान से मारने की नीयत से किया गया, जिससे पांच लोगों की मृत्यु हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हुए।

जांच अधिकारी ने इस मामले में आईपीसी की धाराओं 279, 338 और 304 ए को हटा दिया और आईपीसी की धारा 307, 326, 34 और धारा 3/25/30 (शस्त्र अधिनियम) को जोड़ा है। एसआईटी ने इस मामले में आईपीसी की अन्‍य धाराएं 147, 148, 149, 302 और 120 बी को बरकरार रखा है।

यादव ने कहा, ‘‘मुख्य जांच अधिकारी ने अदालत से 13 आरोपियों के वारंट में सुधार करने का आग्रह किया, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।’’

लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया इलाके में तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा का किसानों द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसान, एक पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ता और एक चालक की मौत हो गई थी। इस संबंध में दो प्राथमिकी तिकुनिया थाने में दर्ज की गई।

पहली प्राथमिकी एक किसान जगजीत सिंह ने चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में दर्ज कराई थी जिसमें उसने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष और 15 से 20 अन्य को आरोपी बनाया था।

दूसरी प्राथमिकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता सुमित जायसवाल द्वारा भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक की मौत के मामले में दर्ज कराई गई थी जिसमें उन्होंने अज्ञात बदमाशों को आरोपी बनाया था।

उत्तर प्रदेश सरकार ने दोनों मामलों की जांच के लिए नौ सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। बाद में उच्चतम न्यायालय ने एसआईटी का पुनर्गठन किया।

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Web Title: Lakhimpur violence as part of conspiracy: SIT, Priyanka demand probe into Ajay Mishra's role

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