लखीमपुर खीरी हिंसाः राकेश टिकैत बोले-चार किसानों की मौत, जवाब में भाजपा के दो कार्यकर्ता मारे गए, क्रिया के बदले की गई प्रतिक्रिया
By भाषा | Published: October 9, 2021 04:19 PM2021-10-09T16:19:01+5:302021-10-09T16:21:37+5:30
Lakhimpur Kheri Violence: 15 अक्टूबर को दशहरे के दिन एसकेएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के पुतले जलाकर विरोध प्रदर्शन करेगा।
नई दिल्लीः भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि वह उन्हें अपराधी नहीं मानते, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर हत्या की क्योंकि उन्होंने तो प्रदर्शनकारियों के ऊपर कार चढ़ाए जाने की प्रतिक्रिया में ऐसा किया।
टिकैत ने कहा, “लखीमपुर खीरी में कारों के एक काफिले ने चार किसानों को रौंद दिया, जिसके जवाब में भाजपा के दो कार्यकर्ता मारे गए। यह क्रिया के बदले की गई प्रतिक्रिया थी। मैंने हत्या में शामिल लोगों को अपराधी नहीं मानता।” संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, “हमें लोगों की मौत पर दुख है, चाहे वह भाजपा कार्यकर्ता हों या किसान। यह दुर्भाग्यपूर्ण था और हमें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।”
किसान नेताओं ने शनिवार को मांग की कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार किया जाए। नेताओं ने कहा कि यह घटना एक सुनियोजित साजिश थी। यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अजय मिश्रा को सरकार से हटा देना चाहिए क्योंकि उन्होंने यह साजिश रची और वह इस मामले में दोषियों को बचा रहे हैं।
लखीमपुर खीरी हिंसा: किसान नेताओं ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा, उनके बेटे को गिरफ्तार करने की मांग की
किसान नेताओं ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे को गिरफ्तार करने की शनिवार को मांग की और कहा कि यह घटना एक ‘‘पूर्व नियोजित साजिश’’ थी। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता योगेंद्र यादव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि अजय मिश्रा को भी सरकार से हटाया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने यह साजिश शुरू की और मामले में दोषियों को भी बचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोर्चा इस हिंसा के विरोध में 15 अक्टूबर को दशहरा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंकेगा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई इस घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। किसान नेता दर्शन पाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह घटना एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थी और हमलावरों ने किसानों को आतंकित करने की कोशिश की। किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने दावा किया कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ हिंसक रुख अपनाया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम हिंसा की राह पर नहीं जाएंगे।’’
रविवार को हुई हिंसा में मारे गए आठ लोगों में से चार किसान थे, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं को ले जा रहे एक वाहन ने कथित तौर पर टक्कर मार दी थी। अन्य मृतकों में भाजपा के दो कार्यकर्ता और उनका चालक शामिल था।
किसानों ने दावा किया कि आशीष मिश्रा इन वाहनों में से एक में थे। हालांकि आशीष मिश्रा ने इस आरोप से इनकार किया है। उनके पिता ने कहा कि वे यह साबित करने के लिए सबूत पेश कर सकते हैं कि वह उस समय एक कार्यक्रम में थे। उगराहां ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष को गिरफ्तार किया जाए।’’ मोर्चा ने लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में 18 अक्टूबर को ‘रेल रोको’ आंदोलन का आह्वान किया।