चीनी सेना नहीं हटी पीछे, सैटेलाइट तस्वीरों में गलवान नदी के पास दिखे काले तिरपाल, लगे हैं कई कैंप

By रामदीप मिश्रा | Published: June 28, 2020 08:20 AM2020-06-28T08:20:12+5:302020-06-28T08:23:47+5:30

भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पिछले कुछ सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। चीनी सेना के जवान बड़ी संख्या में पैंगोंग सो समेत अनेक क्षेत्रों में सीमा के भारतीय क्षेत्र की तरफ घुस आए थे।

Ladakh: Black tarpaulins seen on galwan river-bend in new satellite images | चीनी सेना नहीं हटी पीछे, सैटेलाइट तस्वीरों में गलवान नदी के पास दिखे काले तिरपाल, लगे हैं कई कैंप

एलएसी के पास चीनी सेना की बढ़ी मौजूदगी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsसैटेलाइट तस्वीर में गलवान नदी के तटबंध पर काले तिरपाल से दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के आसपास चीनी सेना की मौजूदगी है।

नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले कुछ दिनों से गतिरोध बना हुआ है। इस बीच गालवान घाटी चीनी सैनिकों के मौजूद होने की सैटेलाइट तस्वीर सामने आई है, जिसमें चीनी सैनिक काले तिरपाल दिखाई दे रहे हैं। इससे साफ हो गया है कि चीन की सेनाएं अभी पीछे नहीं हटी हैं, बल्कि उसने अपनी सेना को और मजबूती से वहां बढ़ाया है। बता दें, गत 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया था।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सैटेलाइट तस्वीर में गलवान नदी के तटबंध पर काले तिरपाल से दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के आसपास चीनी सेना की मौजूदगी है। तस्वीरों से एलएसी के 9 किलोमीटर सेक्टर में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के 16 कैंपों की मौजूदगी दिखाई दे रही है। 

भारत और चीन ने 22 जून को लेफ्टिनेंट जनरल-रैंक के अधिकारियों ने व्यापक रूप से बातचीत की थी और दोनों देशों ने लद्दाख के सभी विवादास्पद क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से तनाव को कम करने के लिए सहमति व्यक्त की थी। हालांकि, 25 जून और 26 जून के बीच प्लैनेट लैब्स से मिली तस्वीरें एलएसी के पास चीनी सेना की बड़ी मौजूदगी की ओर इशारा करती हैं।

1967 में 300 चीनी सैनिक मारे गए थे

पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण गलवान घाटी क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़का हुआ है। भारतीय सेना ने भी चीन को करारा जवाब दिया है। वर्ष 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प का सबसे बड़ा टकराव था। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे। 

एलएसी पर इन क्षेत्रों में है गतिरोध

भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पिछले कुछ सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। चीनी सेना के जवान बड़ी संख्या में पैंगोंग सो समेत अनेक क्षेत्रों में सीमा के भारतीय क्षेत्र की तरफ घुस आए थे। भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के उल्लंघन की इन घटनाओं पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करती रही है और उसने क्षेत्र में अमन-चैन की बहाली के लिए चीनी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग करती रही है। दोनों पक्षों ने पिछले कुछ दिन में विवाद सुलझाने के लिए श्रृंखलाबद्ध बातचीत की थी। 

Web Title: Ladakh: Black tarpaulins seen on galwan river-bend in new satellite images

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