चीन के साथ LAC गतिरोध पर सेना प्रमुख ने कहा - कूटनीतिक स्तर पर 'सकारात्मक संकेत', ज़मीन पर लागू करने के उपाय देखे जाएंगे
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: October 1, 2024 04:11 PM2024-10-01T16:11:11+5:302024-10-01T16:13:10+5:30
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों के बीच चल रहे सैन्य गतिरोध के बारे में भारत और चीन दोनों की ओर से कूटनीतिक स्तर पर “सकारात्मक संकेत” मिले हैं और अब दोनों पक्षों के सैन्य कमांडर एक साथ बैठकर देखेंगे कि इसे ज़मीन पर कैसे लागू किया जा सकता है।
नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों के बीच चल रहे सैन्य गतिरोध के बारे में भारत और चीन दोनों की ओर से कूटनीतिक स्तर पर “सकारात्मक संकेत” मिले हैं और अब दोनों पक्षों के सैन्य कमांडर एक साथ बैठकर देखेंगे कि इसे ज़मीन पर कैसे लागू किया जा सकता है।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2024 के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। एलएसी पर लंबित मुद्दों के संबंध में भारत और चीन के बीच हाल ही में हुई कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर की वार्ता में हुई प्रगति के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि अप्रैल 2020 से दोनों पक्षों ने काफी प्रगति की है, कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता हो चुकी है और कई मुद्दे पहले ही सुलझ चुके हैं।
#ArmyChiefOnFirstpost: Would you say India’s biggest security challenge is China? How would you describe the situation at our border?
— Firstpost (@firstpost) October 1, 2024
"The situation today is stable but it is not normal. It is sensitive."
Indian Army Chief General Upendra Dwivedi tells @palkisu. @adgpipic.twitter.com/z5kiEF13Xx
जनरल द्विवेदी ने कहा कि उत्तरी मोर्चे से संबंधित हर मुद्दे पर चर्चा होगी, जिसमें पूर्वी लद्दाख में देपसांग मैदान और डेमचोक का लंबित समाधान भी शामिल है। उन्होंने कहा कि दोनों कूटनीतिक पक्षों की ओर से किसी तरह का संकेत दिया गया है। भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए 31वीं कार्य प्रणाली (डब्ल्यूएमसीसी) वार्ता 29 अगस्त को बीजिंग में हुई।
भारत और चीन के बीच कोर कमांडरों के स्तर पर 22वें दौर की सैन्य वार्ता जल्द ही होने की उम्मीद है, जिसमें आपसी सहमति के आधार पर दोनों पक्षों की ओर से सैनिकों की तैनाती की समय-सीमा सहित तौर-तरीके तय किए जाएंगे।
बता दें कि भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश-सिक्किम के दुर्गम इलाकों में इस साल भी सर्दियों में अपनी भारी मौजूदगी बनाए रखेगी। गलवान की घटना के बाद 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर भारतीय सेना ने 'स्थायी सुरक्षा' और बुनियादी ढाँचे का निर्माण भी किया है।
तैयारी में जुटी भारतीय सेना भी सीमा पर तैनात अतिरिक्त सैनिकों के लिए बड़े पैमाने पर 'शीतकालीन स्टॉकिंग' कर रही है। जनरल उपेंद्र द्विवेदी और सेना की सात कमांड के कमांडर-इन-चीफ 9-10 अक्टूबर को गंगटोक (सिक्किम) में होने वाली बैठक में परिचालन स्थिति की समीक्षा भी करेंगे।