पढ़ें अल्लामा इकबाल की वो कविता जिसकी वजह से बर्खास्त हो गया यूपी का स्कूल हेडमास्टर, लगे 'मजहबी प्रार्थना' के आरोप!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 17, 2019 12:44 PM2019-10-17T12:44:04+5:302019-10-17T12:44:04+5:30
'लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी...' इस कविता को मुहम्मद इकबाल ने 1902 में लिखा था। इन्होंने ने ही सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा भी लिखा...
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में प्रशासन ने एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर को बर्खास्त कर दिया। उनके खिलाफ विश्व हिंदू परिषद की स्थानीय इकाई ने शिकायत की थी कि स्कूल में इकबाल की लिखी प्रार्थना 'लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी' कराई जाती है। कहा गया कि आम तौर पर यह प्रार्थना मदरसों में कराई जाती है।
आप भी पढ़िए अल्लामा इकबाल की लिखी वो कविता जिसकी वजह से हेडमास्टर को बर्खास्त किया गया। इसे इकबाल ने 1902 में लिखा था। मुहम्मद इकबाल अविभाजित भारत के प्रसिद्ध कवि, नेता और दार्शनिक थे। उर्दू और फ़ारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की शीर्ष शायरी में गिना जाता है।
इकबाल "सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा" गीत के रचयिता हैं। इसके अलावा इनकी बेहद मशहूर रचनाओं में "लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी" और "शिक़वा" तथा "जवाबे-ए-शिक़वा" शामिल हैं।
सोमवार को जारी आदेश के मुताबिक बीएसए देवेंद्र स्वरूप ने कहा, 'सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के जरिए हमें पता चला कि गयासपुर के प्राइमरी स्कूल में कोई और धार्मिक प्रार्थना गाई जा रही है। शुरुआती जांच में इसके लिए स्कूल हेडमास्टर फुरकान अली जिम्मेदार पाए गए और इसलिए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया...।'
बर्खास्त हेडमास्टर फुरकान अली ने कहा कि इकबाल की कविता उर्दू की कक्षा 1 से 8 के सिलेबस में हैं। वीएचपी और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने स्कूल और कलेक्ट्रेट के बाहर मेरी बर्खास्तगी की मांग की। मैंने सिर्फ एक कविता पढ़ी जो सरकारी स्कूलों के सिलेबस में है। मेरे छात्र रोजाना 'भारत माता की जय' जैसे देशभक्ति के नारे भी लगाते हैं।