पंजाब पुलिस का खुलासाः हथियार और गोला-बारूद गिराने के बाद आतंकियों ने जलाए ड्रोन, पाकिस्तान लौटने में हो गए थे विफल
By रामदीप मिश्रा | Published: September 26, 2019 08:09 AM2019-09-26T08:09:07+5:302019-09-26T08:09:07+5:30
पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान और जर्मनी आधारित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के आतंकवादी मॉड्यूल का 22 सितंबर को भंडाफोड़ किया था। चार केजेडएफ आतंकवादियों में बलवंत सिंह, आकाशदीप सिंह, हरभजन सिंह और बलबीर सिंह शामिल थे।
आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान से पंजाब में भेजे गए ड्रोन को खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के आतंकवादियों ने हथियार और गोला-बारूद गिराने के बाद जला दिया क्योंकि यह वापस उड़ान भरने में विफल रहा। यह जानकारी पंजाब पुलिस ने बुधवार को दी। बताया गया कि आधा जले हुए ड्रोन को तरन तारन जिले के चभाल इलाके से बरामद किया गया।
पुलिस ने कहा कि जर्मनी के गुरमीत सिंह बग्गा के भाई गुरदेव सिंह को जालंधर के पीएपी चौक से ड्रोन ऑपरेशन में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वह हाल ही में एक आतंकवादी मॉड्यूल का कथित हैंडलर था।
पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान और जर्मनी आधारित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के आतंकवादी मॉड्यूल का 22 सितंबर को भंडाफोड़ किया था। चार केजेडएफ आतंकवादियों में बलवंत सिंह, आकाशदीप सिंह, हरभजन सिंह और बलबीर सिंह शामिल थे। इन्हे पंजाब के तरन तारन जिले के चोला साहिब गांव से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में आतंकियों ने कबूला है कि ड्रोन को जला दिया गया क्योंकि वह हथियारों की खेप को छोड़ने के बाद पाकिस्तान लौटने में विफल रहे।
इससे पहले आतंकियों से पूछताछ में पता चला था कि पाकिस्तान के ड्रोन का इस्तेमाल कर हथियारों और कम्युनिकेशन हार्डवेयर गिराये गए थे। पांच एके 47 राइफल, 16 मैग्जीन और 472 चक्र कारतूस, चीन में निर्मित .30 बोर की चार पिस्तौल, आठ मैग्जीन और 72 चक्र कारतूस, नौ हथगोले, पांच सेटेलाइट फोन तथा उनके अन्य उपकरण, दो मोबाइल फोन, दो वायरलेस सेट तथा दस लाख रुपये मूल्य के जाली नोट बरामद किये गए थे।
उसने पूछताछ में सामने आया था कि आतंकियों ने जो ड्रोन इस्तेमाल किए वह चीन के हैं। चीन के एक ड्रोन से करीब दस किलो तक वजन लाया गया। कुल मिलाकर 80 किलो हथियार और गोला-बारूद लाए गए थे।
आतंकी समूह पंजाब और आसपास के राज्यों में हमले की एक श्रृंखला शुरू करने की साजिश कर रहा था। प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ था कि सीमा पार से हथियारों एवं कम्युनिकेशन हार्डवेयर की अपूर्ति के लिए ड्रोनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।