Kuno National Park: जून में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में सात और चीते छोड़ेंगे, केंद्रीय उच्चस्तरीय समिति ने दी जानकारी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 31, 2023 10:00 PM2023-05-31T22:00:51+5:302023-05-31T22:01:40+5:30
Kuno National Park: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान के संगरोध बाड़े में छोड़ा था।
Kuno National Park: मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में जून के तीसरे सप्ताह तक दो मादा समेत सात और चीते छोड़े जाएंगे। चीतों को बसाने की परियोजना की निगरानी करने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष ने बुधवार को यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान के संगरोध बाड़े में छोड़ा था। परियोजना के दूसरे चरण में 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीते कूनो में छोड़े गए थे।
मार्च और अप्रैल में तीन चीतों की मौत हो गई थी। बचे हुए 17 वयस्क चीतों में से सात को पहले ही जंगल में छोड़ दिया गया है। समिति के अध्यक्ष और ‘ग्लोबल टाइगर फोरम’ के महासचिव राजेश गोपाल ने कहा, “परियोजना पर काम जारी है और चिंता का कोई कारण नहीं है। हमने जून के तीसरे सप्ताह तक दो मादा चीतों समेत सात और चीतों को छोड़ने का फैसला किया है।”
दुधवा टाइगर रिजर्व में चार वर्षीय नर बाघ मृत मिला
दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में बुधवार को चार वर्षीय नर बाघ मृत मिला।एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। दुधवा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक बी. प्रभाकर ने बताया कि बुधवार सुबह दुधवा बफर जोन की गश्ती टीम ने दुधवा बफर जोन के उत्तरी निघासन रेंज के लठौहा बीट के जंगलों में एक नर बाघ का अवशेष पड़ा देखा।
उन्होंने कहा कि डॉ. दया शंकर, डॉ. दीपक वर्मा और डॉ. एके सिंह सहित पशु चिकित्सा विशेषज्ञों के एक पैनल ने अवशेष का पोस्टमार्टम किया। बी. प्रभाकर ने कहा कि पोस्टमॉर्टम से जानकारी मिली की बाघ का कारण श्वासनली में घाव है।
उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मौके पर मौजूद सबूतों से संकेत मिलता है कि बाघ, जिसकी उम्र लगभग चार साल थी, एक अन्य बाघ के साथ संघर्ष में घायल हुआ होगा, जिससे उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि अवशेष परीक्षण और आंतरिक अंगों और विसरा को आईवीआरआई (भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान), बरेली भेजा जा रहा है।