कुलभूषण जाधव के परिवार ने कहा-फैसले पर खुशी पर जब तक पाकिस्तान से नहीं लौटता, डर बना रहेगा
By स्वाति सिंह | Published: July 18, 2019 09:55 AM2019-07-18T09:55:47+5:302019-07-18T09:55:47+5:30
अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने बुधवार को फैसला सुनाया कि पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर फिर से विचार करना चाहिए।
कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले के बाद गुरुवार को मुंबई में समारोह का आयोजन किया गया है। दरअसल, कुलभूषण के परिवार का महाराष्ट्र पुलिस से रिश्ता रहा है। कुलभूषण के पिता सुधीर जाधव मुंबई में एसीपी के पद पर कार्यरत थे और मुंबई के एनएम जोशी मार्ग में पुलिस क्वॉर्टर में रहते थे। कुलभूषण का बचपन मुंबई में ही बीता है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कुलभूषण के चाचा सेवानिवृत्त एसीपी सुभाष जाधव ने बताया 'हम भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से खुश हैं, हम कुलभूषण को पाकिस्तान से बाहर आता देखना चाहते हैं। लेकिन जबतक ऐसा नहीं होता, डर बना रहेगा।'
कुलभूषण के बचपन के दोस्त अरविंद सिंह ने कहा ' मेरा मानना है कि देशवासियों की प्रार्थनाओं ने हमारे पक्ष में फैसला देने में मदद की। हम जानते हैं कि देश भर में लोग उनकी रिहाई के लिए मंदिरों और मस्जिदों में प्रार्थना कर रहे थे।'
मुंबई में पृथ्वी चंदन बिल्डिंग जहां कुलभूषण का बचपन बीता था। वहां बुधवार को उत्सव का माहौल था। लोग एक दूसरे को मिठाइयां बांट रहे थे।भारत माता की जय के नारे लगाए गए।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने बुधवार को फैसला सुनाया कि पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर फिर से विचार करना चाहिए।
इसे भारत के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर फांसी की सजा सुनाई थी। इस पर भारत में काफी गुस्सा देखने को मिला था।