पाकिस्तान कुलभूषण जाधव पर फिर से चलाएगा मुकदमा, आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप: पाक मीडिया
By स्वाति सिंह | Published: February 6, 2018 08:49 AM2018-02-06T08:49:36+5:302018-02-06T09:08:27+5:30
पाकिस्तानी जेल में बंद कुलभूषण जाधव को पाक सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है जिस पर अंतरराष्ट्रीय अदालत ने रोक लगा रखी है।
पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर एक बार फिर आतंकवाद के आरोपों पर मुकदमा चलाएगा। पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट डॉन को सोमवार (पाँच फरवरी) को एक पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि 'भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव जिसे पिछले साल जासूसी के आरोप में दोषी ठहराया गया था इसके बाद उन्हें सैन्य ट्रिब्यूनल द्वारा मौत की सजा सुनाई गई थी, अब एक बार फिर आतंकवाद के आरोपों उसपर मुकदमा चलेगा। भारत ने साफ किया है कि कुलभूषण जाधव भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी और कारोबारी हैं और उनका जासूसी से कोई लेना-देना नहीं। भारत सरकार के अनुसार कुलभूषण जाधव को ईरान से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने अगवा कर लिया था।
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव पर सैन्य अदालत में जासूसी का मुकदमा चलाया जिसमें उन्हें फांसी की सजा सुनायी गयी। भारत सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील की जिसने पाकिस्तानी को जाधव को तब तक फांसी न देने का निर्देश दिया जब तक कि अंतरराष्ट्रीय अदालत इस मामले में सुनवाई पूरी नहीं कर लेता। पाकिस्तानी अधिकारियों ने डॉन से कहा है कि 'जाधव के खिलाफ कई मामले सामने आए हैं जिसमें आतंकवाद संबंधी आरोपों पर उन्हें दोषी ठहराया गया था। इस मामले में कार्यवाही चल रही है।
इसी बीच मीडिया में आई कुछ खबरों में दावा किया गया कि कुलभूषण जाधव भारत के लिए जासूसी करते थे। इन खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए शनिवार (तीन फरवरी) को भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा था कि, पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के रिटायर अधिकारी है। वह बिजनेस के सिलसिले में ईरान गए थे। पाकिस्तान ने गलत मंशा से उनका ईरान से अपहरण कर लिया। अब यह मामला इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में चल रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि, पाकिस्तान ने कुलभूषण के मामले में तथ्यों से काफी छेड़छाड़ की है। उनकी रिपोर्ट एक मन गढ़ंत झूठी कहानी दर्शाती है।
पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव उर्फ हुसैन मुबारक पटेल को पिछले साल तीन मार्च 2016 को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। जाधव कथित रूप से ईरान से बलूचिस्तान में घुस गये थे। जबकि भारत हमेशा से ही इस बात पर जोर देता रहा है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था। भारतीय सेना से सेवानिवृत होने के बाद जाधव अपने कारोबार के संबंध में ईरान गये थे।