जाधव मामले में भ्रम न फैलाए पाकिस्तान, आईसीजे का फैसला भारत के रुख की पुष्टि, पाक को चेताया
By भाषा | Published: July 18, 2019 05:51 PM2019-07-18T17:51:27+5:302019-07-18T17:51:27+5:30
आईसीजे ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को जाधव को दिये गए मृत्युदंड पर फिर से विचार करना चाहिए और उससे जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने को भी कहा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि आईसीजे का फैसला मामले में भारत के रुख की पूरी तरह से पुष्टि करता है
भारत ने गुरुवार को कहा कि कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का फैसला भारत के रुख की पूरी तरह पुष्टि करता है और आईसीजे के फैसले को लागू करना पाकिस्तान का कर्तव्य है।
भारत के लिहाज से एक बड़ी जीत में आईसीजे ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को जाधव को दिये गए मृत्युदंड पर फिर से विचार करना चाहिए और उससे जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने को भी कहा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि आईसीजे का फैसला मामले में भारत के रुख की पूरी तरह से पुष्टि करता है।
उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान का कर्तव्य है कि वह आईसीजे के फैसले को लागू करे। कुमार ने कहा कि आईसीजे का फैसला अंतिम, बाध्यकारी है और अब इस पर कोई अपील नहीं हो सकती। आईसीजे में जीत पर इस्लामाबाद के दावे को लेकर उन्होंने कहा कि अपने लोगों से झूठ बोलने को लेकर पाकिस्तान की अपनी मजबूरियां हैं।
Raveesh Kumar, MEA, on claims in Pakistan that they have won (#KulbhushanJadhavVerdict): I think they have their own compulsions, as to why they have to lie to their own people. https://t.co/Oq0xYyYh8e
— ANI (@ANI) July 18, 2019
भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में एक मुकदमे के बाद मौत की सजा सुनाई थी। उन पर “जासूसी और आतंकवाद” का आरोप लगाया गया। सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ भारत ने मई 2017 में आईसीजे में अपील की थी। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने सजा के अमल पर रोक लगा दी थी।
भारत ने जाधव मामले में आईसीजे का आदेश लागू करने में ‘हास्यास्पद प्रयासों’ के खिलाफ पाक को चेताया
(अदिति खन्ना) लंदन, द हेग, 18 जुलाई (भाषा) भारत ने पाकिस्तान को चेताया है कि उसके आचरण पर कड़ी नजर रखी जाएगी और कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के आदेश को लागू करने में किसी भी तरह के ‘‘हास्यास्पद प्रयासों’’ का दावा किये जाने पर उपचार के लिए आईसीजे या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में ‘‘दबाव वाले कबूलनामे’’ के आधार पर ‘‘जासूसी और आतंकवाद’’ के आरोपों पर मौत की सजा सुनाई थी। भारत मौत की सजा पर रोक तथा अन्य अनुरोध लेकर संयुक्त राष्ट्र की प्रधान न्यायिक संस्था आईसीजे पहुंचा था।
अदालत के अध्यक्ष न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ की अध्यक्षता वाली 16 सदस्यीय पीठ ने बुधवार को एक के मुकाबले 15 मतों से पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि और सजा पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया था। इस मामले में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हरीश साल्वे ने बुधवार को लंदन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘जाधव को न्याय दिलाने में मदद करने और उसकी निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने में मदद करना हमारे लिए अच्छा क्षण है।’’
साल्वे ने कहा कि अगला कदम पाकिस्तान में भारतीय राजनयिक अधिकारियों द्वारा भारतीय नागरिक से संपर्क करना है जिसके बाद वे सुनिश्चित करेंगे कि जाधव को पूरी कानूनी मदद मिले। यह पूछे जाने पर कि अगर पाकिस्तान आईसीजे के फैसले को पूरी तरह से लागू नहीं करता तो भारत के पास उठाने के लिए क्या कदम होंगे, इसपर उन्होंने कहा, ‘‘अगर आदेश का उल्लंघन होता है तो हम आगे के निर्देशों के लिए आईसीजे के पास फिर से जा सकते हैं। अगर कोई देश इस तरह के आदेश का उल्लंघन करता है तो (संयुक्त राष्ट्र) सुरक्षा परिषद में प्रतिबंध तथा अन्य उपचार सहित अन्य प्रावधान मौजूद हैं।’’
साल्वे ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि पाकिस्तान ऐसा नहीं करेगा, कम से कम मैं यह आशा करता हूं... उनके आचरण पर कड़ी नजर रहेगी और किसी भी तरह के हास्यास्पद प्रयास को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा... अगर कोई देश गलत तरीके का व्यवहार करने का फैसला करता है और अनुपालन नहीं करता है, तो इसके लिए उपाय मौजूद हैं।’’
भारत के वरिष्ठ वकील ने कहा, ‘‘जाधव तक राजनयिक पहुंच की अनुमति देने के बाद निष्कर्ष या निष्पक्ष सुनवाई की प्रतिबद्धता रहेगी और पाकिस्तान को विधायी उपायों सहित सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए।’’
फैसले पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया, ‘‘कमांडर कुलभूषण जाधव को बरी या रिहा ना करने और भारत को ना लौटाने के आईसीजे के फैसले की सराहना करता हूं। वह पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ अपराधों का दोषी है। पाकिस्तान कानून के अनुसार आगे बढ़ेगा।’’