Kolkata Rape-Murder Case: हर दिन 90 रेप, केंद्रीय कानून बनाइये और कड़ी से कड़ी सजा मिले, सीएम ममता ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, यहां पढ़िए लेटर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 22, 2024 18:49 IST2024-08-22T18:42:03+5:302024-08-22T18:49:16+5:30

Kolkata Rape-Murder Case: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय ने एक संवाददाता सम्मेलन में (मुख्यमंत्री का) यह पत्र पढ़ा।

Kolkata Rape-Murder Case cm mamata written letter today Prime Minister narendra modi 90 rapes every day central law give harshest punishment accused | Kolkata Rape-Murder Case: हर दिन 90 रेप, केंद्रीय कानून बनाइये और कड़ी से कड़ी सजा मिले, सीएम ममता ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, यहां पढ़िए लेटर

file photo

HighlightsKolkata Rape-Murder Case: वरिष्ठ अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी।Kolkata Rape-Murder Case: सख्त केंद्रीय कानून बनाने की मांग की। Kolkata Rape-Murder Case: प्रतिदिन लगभग 90 बलात्कार की घटनाएं होती हैं।

Kolkata Rape-Murder Case: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर बलात्कार के दोषियों के लिए कठोर सजा के साथ सख्त केंद्रीय कानून बनाने की मांग की। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय ने एक संवाददाता सम्मेलन में (मुख्यमंत्री का) यह पत्र पढ़ा।

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख बनर्जी ने यह पत्र इस महीने की शुरुआत में कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में लिखा है। देशभर में नियमित रूप से सामने आ रही बलात्कार की घटनाओं के मद्देनजर बनर्जी ने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन लगभग 90 बलात्कार की घटनाएं होती हैं और कई मामलों में बलात्कार पीड़ितों की हत्या कर दी जाती है।

पत्र में कहा गया है, ‘‘यह प्रवृत्ति देखकर डर लगता है। यह समाज और राष्ट्र के आत्मविश्वास और विवेक को झकझोर डालती है। इसे रोकना हमारा परम कर्तव्य है ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें। ऐसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दे से कड़े केंद्रीय कानून के माध्यम से व्यापक रूप से निपटने की आवश्यकता है।

ताकि इन जघन्य अपराधों में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।’’ बनर्जी ने इन मामलों में शीघ्र सुनवाई के लिए त्वरित विशेष अदालतों की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, ‘‘त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए 15 दिन के भीतर मुकदमे की सुनवाई पूरी होनी चाहिए।’’ 

कोलकाता के अस्पताल में बलात्कार, हत्या के मामले को छिपाने का प्रयास किया गया: सीबीआई ने न्यायालय से कहा

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस द्वारा कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक स्नातकोत्तर चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के मामले को छिपाने का प्रयास किया गया था, क्योंकि जब तक संघीय एजेंसी ने जांच अपने हाथ में ली, तब तक अपराध स्थल का परिदृश्य बदल चुका था।

सीबीआई की ओर से अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ-साथ पीड़िता के सहकर्मियों ने वीडियोग्राफी के लिए कहा था और इसका मतलब यह है कि उन्हें भी लगा कि इसमें कुछ छिपाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पांचवें दिन जांच शुरू की।

इससे पहले, स्थानीय पुलिस ने जो कुछ भी इकट्ठा किया था, वह हमें दे दिया गया। जांच अपने आप में एक चुनौती है, क्योंकि अपराध स्थल का परिदृश्य बदल दिया गया था। प्राथमिकी (पीड़िता के) अंतिम संस्कार के बाद रात पौने 12 बजे दर्ज की गई।’’ पीठ में न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे।

मेहता ने पीठ से कहा, ‘‘सबसे पहले, अस्पताल के उपाधीक्षक ने पीड़िता के माता-पिता को बताया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। जब वे अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि उसने आत्महत्या कर ली है....मृतक के सहकर्मियों ने वीडियोग्राफी के लिए जोर दिया। इससे पता चलता है कि उन्हें मामले को छुपाने का संदेह था।’’

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जब नौ अगस्त की सुबह ताला पुलिस थाने को फोन किया गया तो चिकित्सकों ने पुलिस को बताया कि पीड़िता बेहोश है, हालांकि उसकी पहले ही मौत हो चुकी थी। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मेहता की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि हर चीज की वीडियोग्राफी की गई थी और अपराध स्थल पर कुछ भी नहीं बदला गया था। सिब्बल ने कहा कि कोलकाता पुलिस ने पूरी ईमानदारी से प्रक्रिया का पालन किया और सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट केवल मामले को उलझाने का प्रयास है।

उन्होंने कहा कि सीबीआई को अदालत को बताना चाहिए कि पिछले एक सप्ताह में उसने मामले में क्या प्रगति की है। सुनवाई के दौरान मेहता ने सिब्बल की इस बात के लिए आलोचना की कि जब वह पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने में खामियों की ओर इशारा कर रहे थे तो सिब्बल कथित तौर पर हंस रहे थे।

मेहता ने सिब्बल से कहा, ‘‘एक लड़की ने सबसे अमानवीय और वीभत्स तरीके से अपनी जान गंवा दी है। किसी की मौत हुई है। कम से कम हंसिए तो मत।’’ सिब्बल ने कहा कि हर कोई मानता है कि यह घटना ‘‘दुखद और बर्बर’’ है। इस घटना को ‘‘भयावह’’ बताते हुए उच्चतम न्यायालय ने प्राथमिकी दर्ज करने में देरी करने और बड़ी संख्या में उपद्रवियों को सरकारी अस्पताल में तोड़फोड़ करने देने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की थी। अस्पताल के सेमिनार हॉल में चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना से देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये थे।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिला था। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिफ्तार किया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंपने का 13 अगस्त को आदेश दिया था। सीबीआई ने 14 अगस्त से अपनी जांच शुरू की।

Web Title: Kolkata Rape-Murder Case cm mamata written letter today Prime Minister narendra modi 90 rapes every day central law give harshest punishment accused

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे