Kolkata Doctor Case Hearing: 'किसी ने जान गंवा दी, कम से कम आप मत हंसिए', SG तुषार मेहता की कपिल सिब्बल को खरी-खरी

By आकाश चौरसिया | Updated: August 22, 2024 15:20 IST2024-08-22T14:39:24+5:302024-08-22T15:20:30+5:30

Kolkata Doctor Case Hearing: आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल और सॉलिसिटर जनरल के बीच नोकझोंक देखने को मिली। तुषार मेहता ने कहा, किसी ने अपनी जान गंवा दी है, कम से कम हंसिए तो नहीं।

Kolkata Doctor Case Hearing Somebody Has Lost Life Don't At Least Laugh SG Tushar Mehta To Kapil Sibal In SC | Kolkata Doctor Case Hearing: 'किसी ने जान गंवा दी, कम से कम आप मत हंसिए', SG तुषार मेहता की कपिल सिब्बल को खरी-खरी

फोटो क्रेडिट- एक्स

Highlightsकोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल सरकार को आई हंसीइतने में आग बबूला हुए केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहतातुषार मेहता ने कपिल सिब्बल से कहा, किसी ने जान गंवा दी, कम से कम आप मत हंसिए

Kolkata Doctor Case Hearing: आज सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता जूनियर डॉक्टर के रेप और मर्डर मामले पर सुनवाई हो रही थी, इतने में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पक्ष रख रहें वकील कपिल सिब्बल को हंसी आई। बस फिर क्या था मामले पर केंद्रीये एजेंसी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उनको आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यहां किसी ने जिंदगी गंवा दी और आपक इस पर कम से कम हंसिए तो नहीं। दोनों अधिवक्ताओं के बीच यह बहस तब हुई जब सिब्बल कथित तौर पर "हंसे" थे, जबकि मेहता पुलिस द्वारा FIR दर्ज करने में स्पष्ट कमियों की ओर इशारा कर रहे थे।

इस बीच मामले की सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने केस की अभी की स्टेटस रिपोर्ट पेश की, जिसमें एजेंसी को कई लिंक गायब मिले हैं। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है। 

सीबीआई ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा कि अपराध स्थल को बदल दिया गया और पीड़ित परिवार को उनकी बेटी की मौत के बारे में गुमराह किया गया। परिवार को सूचित किया गया कि उनकी बेटी की मौत आत्महत्या के कारण हुई है। सुनावाई के दौरान दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी पर जोर दिया। 

सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि पहली FIR अंतिम संस्कार के बाद रात 11:45 बजे दर्ज की गई थी। माता-पिता को बताया गया कि यह आत्महत्या थी, फिर मौत और फिर अस्पताल में डॉक्टर के दोस्तों ने वीडियोग्राफी पर जोर दिया। उन्हें भी संदेह था कि कुछ गड़बड़ है। यह तथ्य सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष तुषार मेहता ने रखें। 

सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेप और हत्या की शिकार महिला डॉक्टर की अप्राकृतिक मौत को दर्ज करने में कोलकाता पुलिस की देरी को 'बेहद परेशान करने वाला' बताया।

कोलकाता रेप-मर्डर केस में आप्रकृतिक मौत दर्ज होने से पहले पुलिस की न्याय प्रक्रिया को अपनाए बिना 9 अगस्त को 6:10 से 7:10 के बीच पोस्टमार्टम का होना बहुत चौंकाने वाला चीफ जस्टिस की पीठ ने बताया। "ऐसा कैसे हुआ कि पोस्टमार्टम 9 अगस्त को शाम 6.10 बजे किया गया और फिर भी अप्राकृतिक मौत की सूचना 9 अगस्त को रात 11.30 बजे ताला पुलिस स्टेशन को भेजी गई। यह बेहद परेशान करने वाला है,"पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला और मनोज मिश्रा ने कहा है।

मामले में कोलकाता पुलिस अधिकारी को, जिन्होंने देश को झकझोर देने वाली बलात्कार-हत्या के बारे में पहली प्राथमिकी दर्ज की थी, अगली सुनवाई में पेश होने और एफआईआर के समय का खुलासा करने का निर्देश दिया। सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि जूनियर डॉक्टर के अंतिम संस्कार के बाद रात 11.45 बजे एफआईआर दर्ज की गई थी।

Web Title: Kolkata Doctor Case Hearing Somebody Has Lost Life Don't At Least Laugh SG Tushar Mehta To Kapil Sibal In SC

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