जानें ओवैसी ने PM मोदी के बारे में आखिर क्यों कहा- "माशाल्लाह मोदी है तो हर नामुमकिन-मुमकिन है"
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 21, 2020 12:07 PM2020-01-21T12:07:07+5:302020-01-21T13:05:57+5:30
IMF ने भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये वृद्धि परिदृश्य के अपने अनुमान को संशोधित करते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार स्लो होने की वजह से इसका असर दुनिया भर की बाजारों पर हो रहा है।
देश की खराब अर्थव्यवस्था को लेकर आईएमएफ के बायन के बाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर तंज करते हुए कहा कि माशाल्लाह मोदी है तो हर नामुमकिन-मुमकिन है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने सोमवार को भारत के अर्थव्यवस्था की रफ्तार को बेहद सुस्त व कमजोर स्थिति में बताया है।
Mashallah Modi hai to Har Namumkin -MUMKIN hai https://t.co/2Fx3JIWwx8
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 20, 2020
इसके साथ ही भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये वृद्धि परिदृश्य के अपने अनुमान को संशोधित करते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार स्लो होने की वजह से इसका असर दुनिया भर की बाजारों पर हो रहा है।
इसके साथ ही उसने व्यापार व्यवस्था में सुधार के बुनियादी मुद्दों को भी उठाया। आईएमएफ के ताजा अनुमान के अनुसार 2019 में वैश्विक वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत, 2020 में 3.3 प्रतिशत और 2021 में 3.4 प्रतिशत रहेगी। वहीं मुद्राकोष ने भारत के आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम कर 2019 के लिये 4.8 प्रतिशत कर दिया है। जबकि 2020 और 2021 में इसके क्रमश: 5.8 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के सालाना शिखर सम्मेलन के उद्घाटन से पहले मुद्राकोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा कि कोष का नीति निर्माताओं को बस यही सरल सा सुझाव है कि वे वह सब करते रहें जो परिणाम दे सके जिसे व्यवहार में लाया जा सके।
उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि अगर वृद्धि में फिर से नरमी आती है तो हर किसी को समन्वित तरीके से फिर से और ततकाल कदम उठाने के लिये तैयार रहना चाहिए। आईएमएफ ने कहा कि हम अभी बदलाव बिंदु पर नहीं पहुंचे हैं यही वजह है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये वृद्धि परिदृश्य को मामूली कम किया जा रहा है।
जॉर्जिवा ने कहा कि व्यापार प्रणाली में सुधार के बुनियादी मुद्दें अभी भी बने हुए हैं और हमने देखा है कि पश्चिम एशिया में कुछ घटनाक्रम हुये हैं। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार समझौते पर मामला आगे बढ़ने के साथ अक्टूबर से जोखिम आंशिक रूप से कम हुए हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से भारत के आर्थिक वृद्धि अनुमान में कमी के कारण दो साल की वृद्धि दर में 0.1 प्रतिशत तथा उसके बाद के वर्ष के लिये 0.2 प्रतिशत की कमी की गयी है। मुद्राकोष ने भारत के आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम कर 2019 के लिये 4.8 प्रतिशत कर दिया है।
इसका मुख्य कारण गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में समस्या और गांवों में आय वृद्धि में नरमी है। आईएमएफ के अनुसार 2020 और 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर क्रमश: 5.8 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत रहेगी।
IMF's World Economic Outlook report: India’s growth is estimated at 4.8 percent in 2019, projected to improve to 5.8 percent in 2020 and 6.5 percent in 2021 https://t.co/7s5e4S0tp1
— ANI (@ANI) January 20, 2020