गृहमंत्री राजनाथ सिंह और किसान नेताओं में बनी इन मांगों पर सहमति, आंदोलन होगा खत्म?
By रामदीप मिश्रा | Published: October 2, 2018 03:50 PM2018-10-02T15:50:50+5:302018-10-02T15:50:50+5:30
कुछ किसान नेता मांगों को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह और कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मिले। साथ ही साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत से फोन पर बात की।
नई दिल्ली, 02 अक्टूबरः हरिद्वार से चला भारतीय किसान क्रांति (भाकियू) का मोर्चा दिल्ली पहुंचने से पहले रोक दिया गया, जिसके बाद पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई है। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें की। पुलिस के बल प्रयोग करते ही हिंसक किसान पीछे हट गए।
वहीं, इधर कुछ किसान नेता मांगों को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह और कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मिले। साथ ही साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत से फोन पर बात की। मुलाकात के बाद मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा है कि किसानों की अधिकतर मांगों पर सरकार ने सहमति जताई है। उन्हें इस बात को लेकर बताया जा रहा है।
खबरों के मुताबिक, किसान नेताओं ने बताया है कि सरकार ने उनकी चार-पांच मांगों को मान लिया है। सरकार ने उनकी जिन मांगों को माना है उनमें कृषि उपकरणों को सीएसटी के 5 फीसदी दायरे में रखना, डीजल से चलने वाले पुराने ट्रैक्टरों पर से एनजीटी का बैन हटाना, किसानों के उत्पाद को कम कीमत या गलत तरीके से बेचने पर रोकने के लिए कानून बनाना और फसल बीमा शामिल है।
हालांकि, किसान नेताओं का कहना है कि उनकी जो मांगें मानी गई हैं उन मांगों को किसानों तक पहुंचाया जाएगा। अगर वह सहमति हो जाते हैं तो प्रदर्शन वापस लिया जाएगा अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा।
उधर, किसानों के प्रदर्शन को लेकर राजनीति भी गर्मा गई है। प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का समर्थन मिला है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं देने को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा 'किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दी जानी चाहिए। उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत क्यों नहीं है? ये गलत है। हम किसानों के साथ हैं।'
वहीं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा 'सरकार ने किसानों से किए वादे पूरे नहीं किए हैं। इसलिए किसान प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है और हम किसानों का पूरी तरह से समर्थन करते हैं।'
किसानों की ये हैं मांगें
- किसानों की मांग है कि स्वामिनाथन कमेटी के फॉर्मूले के आधार पर किसानों की आय सी-2 लागत में कम से कम 50 प्रतिशत जोड़ कर दी जाए।
- किसान मांग कर रहे हैं कि फसलों की शत-प्रतिशत खरीद की गारंटी दी जाए।
- वहीं, वे मांग कर रहे हैं कि पिछले 10 सालों में आत्महत्या करने वाले लगभग 3 लाख किसानों के परिवार को मुआवजा के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
- किसानों का सभी प्रकार के कर्ज से पूरी तरह माफ हों।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव किया जाए।
- किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त में उपलब्ध कराई जाए।
- दिल्ली-एनसीआर में दस साल से ज्यादा पुराने ट्रैक्टरों पर रोक हटा दी जाए।
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज लोन दिया जाए।
- महिला किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड योजना अलग से बनाई जाए।
- चीनी का न्यूनतम मूल्य 40 रुपए प्रति किलो किया जाए और 7 से 10 दिन के अंदर गन्ना किसानों का भुगतान सुनश्चित किया जाए।
- आवारा पशुओं से किसानों के फसल को बचाने का इंतजाम किया जाए।