किरेन रिजिजू ने कैंब्रिज में राहुल गांधी के लगाये आरोपों पर कहा, "दुनिया के सामने झूठ परोस रहे हैं कि भारतीय लोकतंत्र संकट में है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 5, 2023 12:05 PM2023-03-05T12:05:39+5:302023-03-05T12:10:20+5:30
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में बीते शनिवार को कहा कि कुछ लोग देश और दुनिया में यह फैला रहे हैं कि भारत में लोकतंत्र और न्यायपालिका सुरक्षित नहीं हैं लेकिन उनकी इस अफवाह पर कोई ध्यान नहीं देने जा रहा है।
भुवनेश्वर: केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने राहुल गांधी द्वारा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में भारतीय लोकतंत्र को खतरे में बताये जाने को लेकर पलटवार किया और कहा कि दुनिया को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि भारतीय न्यायपालिका और लोकतंत्र संकट में है।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में वकीलों के एक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कानून मंत्री ने बीते शनिवार को कहा कि कुछ लोग देश और दुनिया में यह फैला रहे हैं कि भारत में लोकतंत्र और न्यायपालिका सुरक्षित नहीं हैं लेकिन उनकी इस अफवाह पर कोई ध्यान नहीं देने जा रहा है।
उन्होंने कहा, “भारतीय न्यायपालिका पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है, विशेष रूप से हमारे न्यायाधीशों के ज्ञान को सार्वजनिक तौर पर जांच-परख के लिए डाला जा सकता है। इस तरह की कोशिश जानबूझकर सीधे तौर पर देश की छवि खराब करने के लिए की जा रही है।"
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा, “कभी-कभी ऐसा होता है कि देश के भीतर और बाहर यह बताने का प्रयास किया जाता है कि इस समय भारतीय न्यायपालिका और लोकतंत्र संकट में है। ये कुल लोगों की गुप्त मंशा हो सकती है कि ऐसे बयान से या अभियान भारत और उसके लोकतांत्रिक ढांचे को बदनाम किया जाए लेकिन वो लोग ऐसा करने में सफल नहीं हो सकते हैं।"
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका सबसे पुराना लोकतंत्र होने का दावा कर सकता है, लेकिन असल में भारत ही ‘लोकतंत्र की जननी’ है।
मालूम हो कि केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू की टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में दिये उस बयान के बाद आयी है, जिसमें राहुल गांधी ने व्याख्यान देते हुए आरोप लगाया था कि मौजूदा वक्त में भारतीय लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और खुद उनके सहित कई राजनेताओं की निगरानी की जा रही है।
राहुल गांधी ने कैंब्रिज में कहा कि इस समय भारत में मीडिया और न्यायपालिका पर कब्जा करके लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाने वालों की निगरानी की जा रही है, उन्हें डराना जा रहा है। सरकार इसके लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का सहारा ले रही है और आम जनता के बीच भी अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों पर हमला करके भय का माहौल तैयार किया जा रहा है।