पहलवानों के प्रदर्शन पर बोले राकेश टिकैत- खाप समिति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और गृह मंत्री अमित शाह से करेगी मुलाकात
By विनीत कुमार | Published: June 1, 2023 06:36 PM2023-06-01T18:36:05+5:302023-06-01T18:39:22+5:30
राकेश टिकैत ने कहा है कि एक खाप समिति पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन के मामले पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगी
नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण शरन सिंह के खिलाफ पहलवानों के चल रहे विरोध को लेकर एक समिति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगी।
पत्रकारों से बात करते हुए राकेश टिकैत ने सवाल उठाया कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज होने के बावजूद गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई।
किसान नेता ने यह भी कहा कि पहलवानों को अपने मेडल गंगा नदी में नहीं फेंकना चाहिए बल्कि उन्हें नीलाम कर देना चाहिए। उन्होंने दिल्ली की सीमाओं को फिर से बंद करने की भी चेतावनी दी और जोर देकर कहा कि अगर पहलवानों की मांगें नहीं मानी गईं तो देशव्यापी विरोध शुरू किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। इसमें पहली प्राथमिकी जहां एक नाबालिग पहलवान के आरोपों से संबंधित है और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है। राकेश टिकैत ने पूछा, 'बृज भूषण सिंह के खिलाफ दर्ज पोक्सो मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? क्या कानून में संशोधन होगा कि पॉक्सो एक्ट के तहत किसी को गिरफ्तार करने से पहले जांच होगी?'
बार बार अपनी मांगें बदल रहे हैं प्रदर्शनकारी पहलवान: ब्रजभूषण
दूसरी ओर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि महिला पहलवान बार बार अपनी मांगें बदल रहीं हैं जबकि दिल्ली पुलिस इन आरोपों की जांच कर ही रही है । उन्होंने कहा, 'पुलिस अभी जांच कर रही है। इसे पूरा हो जाने दें। जो बात निकलकर सामने आएगी, उसके अनुरूप बात की जाएगी।'
उन्होंने कहा, 'मेरे बारे में कौन, क्या कह रहा है, इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है और न ही इस पर प्रतिक्रिया देकर हमारा कुछ भला होने वाला है। न्यायालय द्वारा दिखाया जाने वाला रास्ता हमें स्वीकार्य होगा।’ कैसरगंज से भाजपा सांसद ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस की जांच में यदि महिला पहलवानों द्वारा लगाया गया एक भी आरोप साबित हो जाता है तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। मैं पूर्व में अपने द्वारा कही गई बात पर कायम हूं।’
उन्होंने आगे कहा, '18 जनवरी 2023 को जंतर मंतर पर पहली बार धरने पर बैठने वाले पहलवानों की मांग कुछ और थी। बाद में कुछ और हो गई। थोड़े दिनों के बाद बदलकर कुछ और हो गई। वे लगातार अपनी मांगों को बदलने का काम करते रहे।'