केरल सरकार ने वकील होने का नाटक करने वाली महिला की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया
By भाषा | Updated: August 12, 2021 18:39 IST2021-08-12T18:39:28+5:302021-08-12T18:39:28+5:30

केरल सरकार ने वकील होने का नाटक करने वाली महिला की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया
कोच्चि, 12 अगस्त केरल सरकार ने एक महिला की अग्रिम जमानत का उच्च न्यायालय में पुरजोर विरोध किया है जिसपर योग्य वकील के रूप में खुद को गलत तरीके से पेश करने और लगभग दो साल तक बिना लाइसेंस के यहां की एक जिला अदालत में काम करने का आरोप है।
सरकार ने न्यायमूर्ति के. हरिपाल को बताया कि महिला पर ऐसे अपराधों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है जो गैर जमानती हैं और इसलिए उसे गिरफ्तार से अंतरिम संरक्षण नहीं मिलना चाहिए। अदालत ने सबको थोड़ी-थोड़ी देर सुनने के बाद कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया और मामले में अगली सुनवाई 31 अगस्त को तय की। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, राज्य के रुख का अलापुझा बार एसोसिएशन के एक सदस्य ने समर्थन किया जिसने आरोपी महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
एसोसिएशन के सदस्य ने कहा कि महिला ने कई आपराधिक मामलों में बचाव पक्ष के वकील के तौर पर गलत तरीके से खुद को पेश किया, कुछ आयोगों का हिस्सा थी, बार चुनावों में खड़ी हुई और एक पदाधिकारी के तौर पर निर्वाचित भी हुई। एसोसिएशन सदस्य ने कहा कि चूंकि वह वकील नहीं थी, इसलिए जिन-जिन मामलों में वह पेश हुई और जिस आयोग का वह हिस्सा रही उसकी रिपोर्टों की वैधता पर सवाल उठता है।
दूसरी तरफ, आरोपी के वकील ने कहा कि महिला को हिरासत में लेकर जांच करने की जरूरत नहीं है क्योंकि पुलिस के पास मामले के लिए जरूरी दस्तावेज पहले से ही हैं और उसे जो भी चाहिए वह बार एसोसिएशन से भी ले सकती है। उन्होंने गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण का अनुरोध किया था लेकिन अदालत ने कोई आदेश पारित नहीं किया। आरोपी महिला ने इससे पहले मजिस्ट्रेटी अदालत में आत्मसमर्पण की यह मानकर कोशिश की थी कि उसे जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा लेकिन इसकी संभावना नजर न आने पर वह अदालत कक्ष से भाग गई थी।
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