कोच्चि, 18 अगस्तः केरल में बाढ़ की तबाही का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह राजधानी कोच्चि पहुंचे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह पहले राज्य का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने केंद्र की ओर से 100 करोड़ रुपये राहत राशि देने का भी ऐलान किया था। लेकिन केरल के हालात पर इससे कोई खास असर नहीं पड़ा। शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार से मौका पाते ही उन्होंने केरल के बारे में जानकारी ली। शनिवार सुबह ही वे राज्य में पहुंच गए है।
उधर, केरल की मौजूदा हालत को देखते हुए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने केरल बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए एक समिति का गठन किया है। शेख खलीफा ने खुद इस समिति को निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रीय आपदा समिति केरल के लिए गठित समिति की सहायता करे। साथ ही उन लोगों की मदद करें जो बाढ़ कारण अस्त-व्यस्त हो गए हैं।
इसके अलावा केरल से लगातार मार्मिक वीडियो सामने आ रहे हैं। पहले एक ऐसा वीडियो आया था जब एक बचाव कर्मी ने चार साल की बच्ची को बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी। इसके बाद ऐसे वीडियो सामने आए जब एक शख्स गर्दन तक पानी डूबा था लेकिन मदद के लिए वीडियो कॉल कर रहा था। ऐसे ही एक सेना के जवान का वीडियो आया जब उसने एक बेहद चुनौतीपूर्व रेस्क्यू को अंजाम देकर 26 लोगों की जान बचाई। आज भी ऐसा ही एक वीडियो आया है।
केरल में जल प्रलय, ऑक्सीजन, पेट्रोल-डीजल, खाद्य पदार्थों, पेयजल की कमी
केरल में मानसूनी बारिश और बाढ़ के कारण बृहस्पतिवार को एक ही दिन में 106 लोगों की मौत के बीच राज्य में ऑक्सीजन की कमी और ईंधन स्टेशनों में ईंधन नहीं होने के कारण संकट और गहरा हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
बीते आठ अगस्त से अब तक केरल में जल प्रलय ने 385 लोगों की जान ले ली है। बाढ़ के कारण खूबसूरत राज्य को गहरा धक्का लगा है और पर्यटन उद्योग बहुत प्रभावित हुआ है। हजारों एकड़ खेत में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। बुनियादी ढांचे को बड़ा नुकसान पहुंचा है। अलग-अलग जगहों पर फंसे 80,000 से ज्यादा लोगों को शुक्रवार को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया। इनमें 71,000 से ज्यादा लोग बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित एर्नाकुलम जिले के अलुवा क्षेत्र से थे।
तीनों सेनाओं के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों ने छतों और ऊंची जगहों पर फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने का दुरूह काम आज फिर से शुरू किया। पहाड़ी इलाकों में पहाड़ के हिस्से जमीन पर गिरने से सड़क जाम हो रहे हैं, जिससे बाकी जगहों से उनका संपर्क टूट जा रहा है। द्वीप की शक्ल ले चुके कई गांवों में फंसे लोगों को निकालने का अभियान भी जारी है।
नौका से नहीं पहुंचने लायक जगहों में फंसी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित कई लोगों को सेना के हेलीकॉप्टरों से सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है। टीवी चैनलों ने प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला को नौसेना के हेलीकॉप्टर से फेंकी गई रस्सी की मदद से खींचे जाने का परेशान करने वाला वीडियो प्रसारित किया। इस वीडियो में महिला हवा में झूलती नजर आ रही है। महिला को बाद में नौसेना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसने एक लड़के को जन्म दिया।
अधिकारियों ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन में रह रहे केरल मूल के लोगों ने टीवी चैनलों के जरिए अधिकारियों से अपील की है कि वे उनके प्रियजन की मदद करें। ऑस्ट्रेलिया में रह रही सौम्या ने कहा कि उनके माता और कुछ रिश्तेदार बीते दो दिनों से अलुवा में फंसे हुए हैं।
एक अन्य ने कहा कि उनकी बुजुर्ग रिश्तेदार मैरी वर्गीज को ऑक्सीजन सिलिंडर की सख्त जरूरत है और उनकी हालत लगातार बिगड़ रही है। एक वॉट्सऐप वीडियो में छह साल के बच्चे के साथ एक जगह पर फंसी हुई महिला मदद की गुहार लगाती नजर आ रही है। वह कह रही है, ‘‘हमारे पास न खाना है और न पीने को पानी। कृपया हमारी मदद करें।’’
इससे पहले मोदी ने फोन पर मुख्यमंत्री पी. विजयन से बात करने के बाद ट्वीट किया, ‘‘हमने पूरे राज्य में बाढ़ के हालात पर चर्चा की और राहत अभियानों की समीक्षा की। आज देर शाम मैं केरल जाऊंगा ताकि बाढ़ के कारण पैदा हुए दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का जायजा ले सकूं।’’ पिछले दो दिन से मोदी और विजयन लगातार एक-दूसरे के संपर्क में हैं।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से भी बात कर चुके विजयन ने कल रात कहा कि हालात गंभीर बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि 70,000 से ज्यादा परिवारों के लगभग 3.14 लाख लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है। उन्होंने कहा कि 29 मई, जब दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में दस्तक दी थी, के बाद से 385 लोग मारे जा चुके हैं।
कुछ जगहों पर बारिश में थोड़ी कमी आई लेकिन चार जिलों - पथनमथिट्टा, अलफुजा, एर्नाकुलम और त्रिचूर - में मानसून का कहर जारी है। अधिकारियों ने बताया कि एर्नाकुलम जिले के कई निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गयी है। इस कारण अधिकारियों को मरीजों को निकट के अस्पतालों में भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा है। अस्पतालों में बाढ़ का पानी घुस आने के कारण कई मरीजों को वहां से निकालना पड़ा।
राहत शिविरों में रह रहे लोग भी खाना और पेयजल की किल्लत की शिकायत कर रहे हैं। कई पेट्रोल पंपों, यहां तक कि तिरुवनंतपुरम में भी पेट्रोल नहीं है। तिरुवनंतपुरम जिले के कई ईंधन स्टेशनों में आज लंबी-लंबी कतारें देखी गई। अधिकारियों ने प्रत्येक ईंधन स्टेशन से कहा है कि वे 3,000 लीटर डीजल और 1,000 लीटर पेट्रोल का भंडार सुरक्षित रखें ताकि राहत अभियानों में इनका इस्तेमाल किया जा सके।
स्थानीय मछुआरों को राहत मिशन में शामिल देखा जा रहा है। वह अपनी नौकाओं के जरिए अलुवा, कलाडी, पेरुम्बवूर, मुवत्तूफुजा और चलाकुडी जैसी जगहों पर लोगों की मदद कर रहे हैं। पर्वतीय जिले इडुक्की में भूस्खलनों के कारण कई सड़कों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जगहों में शामिल वायनाड केरल के बाकी हिस्सों से कट चुका है। रनवे पर बाढ़ के कारण कोच्चि हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि कई ट्रेनें या तो रद्द कर दी गई हैं या उनके समय में फेरबदल किया गया है। बहरहाल, कोच्चि मेट्रो की सेवाएं प्रभावित नहीं हुई हैं। मौसम विभाग ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान किया है।
पथनमथिट्टा, तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलफुजा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिचूर, पालक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड और वायनाड जिलों में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का पूर्वानुमान है।
(भाषा के इनपुट के साथ)