प्रेरणादायकः केरल में आंगनबाड़ी शिक्षिका ने बेटे संग पास की लोक सेवा आयोग की परीक्षा, बेटे की आई 38वीं रैंक, जानिए मां की रैंक?
By अनिल शर्मा | Published: August 10, 2022 07:26 AM2022-08-10T07:26:44+5:302022-08-10T07:59:39+5:30
मां बिंदु ने बताया कि उनका वास्तविक लक्ष्य आईसीडीएस पर्यवेक्षक परीक्षा थी और एलजीएस परीक्षा पास करना एक "बोनस" है। वह पिछले 10 वर्षों से आंगनबाड़ी शिक्षिका हैं।
मलप्पुरमः केरल के मलप्पुरम की एक 42 वर्षीय मां बिंदु और उसके 24 वर्षीय बेटे विवेक ने लोक सेवा आयोग (पीएससी) की परीक्षा एक साथ पास की है। केरल में रहने वाली बिंदू का बेटा जब दसवीं कक्षा में था तब उसे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते उन्होंने किताबें पढ़ना शुरू किया था लेकिन इसने उन्हें केरल लोक सेवा आयोग (पीएससी) की परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया। अब मां और बेटा दोनों सरकारी नौकरी में शामिल हो रहे हैं।
मां बिंदू ने एक टीवी चैनल पर कहा कि उन्होंने ‘लास्ट ग्रेड सर्वेंट’ (एलडीएस) परीक्षा पास की है और उनकी 92वीं रैंक आई है जबकि उनके 24 वर्षीय बेटे ने अवर श्रेणी लिपिक (एलडीसी) की परीक्षा उत्तीर्ण की है तथा उसकी 38 वीं रैंक आई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने शुरुआत अपने बेटे को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने के लिए की थी और इससे उन्हें प्रेरणा मिली तथा उन्होंने एक कोचिंग केंद्र में दाखिला लिया जहां उन्होंने अपने बेटे का भी दाखिला कराया जब वह स्नातक हो गया।
हम एक साथ कोचिंग क्लास में गए। मेरी मां ने मुझे यहां लाया और मेरे पिता ने हमारे लिए सभी सुविधाओं की व्यवस्था की। हमें अपने शिक्षकों से बहुत प्रेरणा मिली। हम दोनों ने एक साथ पढ़ाई की लेकिन कभी नहीं सोचा था कि हम साथ परीक्षा पास करेंगे: बिंदु के बेटे विवेक ने बताया pic.twitter.com/1MvnSZfwQZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 10, 2022
बिंदू आगे बताती हैं कि एलजीएस के लिए दो बार और एलडीसी के लिए एक बार कोशिश की तथा उनका चौथा प्रयास सफल रहा। उन्होंने बताया कि उनका वास्तविक लक्ष्य आईसीडीएस पर्यवेक्षक परीक्षा थी और एलजीएस परीक्षा पास करना एक "बोनस" है। वह पिछले 10 वर्षों से आंगनबाड़ी शिक्षिका हैं।
बिंदू ने कहा कि पीसीएस परीक्षा पास करने की बार-बार की कोशिश में कोचिंग सेंटर के उनके शिक्षकों, उनके दोस्तों और उनके बेटे ने उन्हें प्रोत्साहित किया तथा समर्थन दिया। उनके बेटे ने टीवी चैनल से कहा कि वे दोनों एक साथ पढ़ाई नहीं करते थे, लेकिन वे कुछ विषयों पर चर्चा करते थे। उसने कहा, “ मैं अकेले पढ़ाई करना पसंद करता हूं। इसके अलावा, मां हमेशा पढ़ाई नहीं करती हैं। वह समय मिलने पर और आंगनबाड़ी की ड्यूटी के बाद पढ़ाई करती हैं।”
विवेक ने बताया, "हम एक साथ कोचिंग कक्षाओं में गए। मेरी माँ ने मुझे इसमें लाया और मेरे पिता ने हमारे लिए सभी सुविधाओं की व्यवस्था की। हमें अपने शिक्षकों से बहुत प्रेरणा मिली। हम दोनों ने एक साथ पढ़ाई की लेकिन कभी नहीं सोचा था कि हम एक साथ उत्तीर्ण होंगे। हम दोनों बहुत खुश हैं।''
बहुत से लोग यह सोचने लगे हैं कि इतनी उम्र में बिंदू पीएससी परीक्षा में कैसे बैठ गई। केरल में स्ट्रीम -2 पदों की अधिकतम आयु 40 वर्ष है, लेकिन कुछ श्रेणियों के लिए कुछ छूट हैं। ओबीसी वर्ग में तीन साल, एससी और एसटी और विधवाओं के लिए पांच साल की छूट है। वहीं विकलांगों (भाषण, श्रवण और दृष्टि) के लिए ये छूट 15 साल के लिए है, जबकि विकलांगों के लिए यह 10 साल है।