केसीआर ने पीएम मोदी के साथ चल रही रस्साकशी के बीच उठाया नीति आयोग की बैठक पर सवाल, कहा- ‘केंद्र राज्यों के साथ पक्षपात करता है, इसलिए उपयोगी नहीं है बैठक’

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 6, 2022 07:13 PM2022-08-06T19:13:29+5:302022-08-06T19:19:22+5:30

तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने एकबार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ऐलान किया है कि वो 7 अगस्त को होने वाली नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।

KCR raised questions on NITI Aayog meeting amid ongoing tug-of-war with PM Modi, said- 'Not useful for states' | केसीआर ने पीएम मोदी के साथ चल रही रस्साकशी के बीच उठाया नीति आयोग की बैठक पर सवाल, कहा- ‘केंद्र राज्यों के साथ पक्षपात करता है, इसलिए उपयोगी नहीं है बैठक’

फाइल फोटो

Highlightsकेसीआर ने मोदी सरकार हमला करने के लिए नीति आयोग की बैठक से दूर होने ऐलान कियातेलंगाना के सीएम ने कहा केंद्र सरकार राज्यों के साथ पक्षपात करती हैकेसीआर ने कहा कि राज्यों के साथ हो रहे असमान व्यवहार के बीच ऐसी बैठक का फायदा नहीं है

हैदराबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मोदी सरकार को घेरते हुए ऐलान किया कि वो 7 अगस्त से दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे।

तेलंगाना में भाजपा के लिए बहुत बड़ी चुनौती साबित हो रहे केसीआर ने शनिवार को कहा कि वह 7 अगस्त को होने वाली नीति आयोग की 7 वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि इस तरह की होने वाली बैठक राज्यों के लिए उपयोगी नहीं है।

इतना ही सीएम केसीआर ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा मोदी सरकार राज्यों के प्रति भेदभावपूर्ण तरीके से काम करती है। इसलिए उनका मानना है कि राज्यों के लिए इस तरह की बैठक का कोई विशेष महत्व नहीं है। इसलिए वो इस बैठक में शामिल नहीं होंगे।

इस संबंध में केसीआर ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र को चिट्ठी लिखी है और केंद्र सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत तभी एक मजबूत राष्ट्र के रूप में विकसित हो सकता है जब सभी राज्य भी समान रूप से विकसित हों। उन्होंने कहा कि मजबूत और आर्थिक रूप से सक्षम भारत के लिए जरूरी है कि केंद्र राज्यों  के प्रति निष्पक्ष व्यवहार करे।

अपने पत्र में बैठक में न शामिल होने की बात करते हुए केसीआर ने पीएम मोदी को लिखा, "केंद्र की पक्षपातपूर्ण नीतियों के कारण मुझे 7 अगस्त 2022 को दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेना सही प्रतीत नहीं होता है। इस कारण केंद्र की नीतियों के विरोध में मैं इस बैठक से अलग हो रहा हूं। मुझे यह बैठक राज्यों के लिए उपयोगी नहीं लगती है।"

मालूम हो कि बीते कुछ दिनों से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और तेलंगाना की केसीआर सरकार के बीच काफी तनावपूर्ण स्थिति बन गई थी जबकि एक ऐसा भी समय था, जब केसीआर इसी भाजपा नीत एनडीए के सहयोगी रहे थे।

इतना ही नहीं साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद जब नरेंद्र मोदी पहली बार चुनकर दिल्ली की गद्दी पर बैठे थे तो केसीआर उनके सबसे बड़े प्रशंसक माने जाते थे। मोदी सरकार के नीतियों का खुले समर्थन करने वाले केसीआर के रूख में उस समयसे बदलाव आना शुरू हुआ, जब भाजपा ने अपने सत्ता विस्तार को प्राथमिकता देते हुए तेलंगाना पर फोकस करना शुरू किया।

उसके बाद सीएम केसीआर और पीएम मोदी के बीच के रिश्ते काफी तल्ख हो गये। नतीज यहां तक पहुंचा कि अब केसीआर विपक्षी खेमे में हैं और साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मोदी सरकार के खिलाफ संयुक्त विपक्ष को गोलबंद करने का प्रयास कर रहे हैं। वैसे केसीआर कांग्रेस के भी कट्टर विरोधी माने जाते हैं लेकिन मौजूदा सियासत को देखते हुए वो पीएम मोदी के प्रबल विरोधियों में से एक हैं।

यही कारण है कि बीते 6 महीनों में कम से कम तीन 3 बार ऐसे मौके आये, जब पीएम मोदी अलग-अलग मौकों पर तेलंगाना पहुंचे लेकिन सीएम केसीआर ने सारे प्रोटोकॉल को ताक पर रखते हुए एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी तक नहीं की। 

Web Title: KCR raised questions on NITI Aayog meeting amid ongoing tug-of-war with PM Modi, said- 'Not useful for states'

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