प्रशांत किशोर की कंपनी का जदयू से कोई रिश्ता होने से केसी त्यागी ने किया इंकार, कहा- हम चाहते हैं ममता चुनाव हारें
By एस पी सिन्हा | Published: June 9, 2019 08:31 PM2019-06-09T20:31:05+5:302019-06-09T20:31:05+5:30
केसी त्यागी ने कहा कि जदयू को हम राष्ट्रीय पार्टी बनाना चाहते हैं और 2020 तक इसका लक्ष्य रखा गया है यही कारण है कि चार राज्यों में होनेवाले चुनाव में जदयू अकेले चुनाव लड़ेगी.
बिहार में सत्तारूढ़ दल जदयू को 2020 तक राष्ट्रीय पार्टी बनाने का लक्ष्य रखते हुए इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने उक्त बातें पत्रकारों से कही.
उन्होंने कहा कि 2020 में बिहार विधानसभा का चुनाव जदयू एनडीए के खेमे से ही लड़ेगी. केसी त्यागी ने कहा कि हम एनडीए के साथ पूरी तरह से हैं और 2020 में एनडीए के साथ ही चुनाव लड़ेंगे.
केसी त्यागी ने कहा कि जदयू को हम राष्ट्रीय पार्टी बनाना चाहते हैं और 2020 तक इसका लक्ष्य रखा गया है यही कारण है कि चार राज्यों में होनेवाले चुनाव में जदयू अकेले चुनाव लड़ेगी. हमने नागालैंड में अगर भाजपा को समर्थन नहीं दिया होता, तो आज वहां एनडीए की सरकार नहीं होती.
उन्होंने कहा कि बिहार के चुनाव नतीजों की तरह हमारा दल(जदयू) अरुणाचल प्रदेश की जीत से भी प्रसन्न है. के सी त्यागी ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि महागठबंधन के सभी नेता खुद ’पलटूराम’ हैं.
पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने एनडीए में किसी भी मतभेद की खबरों का खंडन करते हुए आज कहा कि एनडीए में जदयू मजबूती के साथ शामिल है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन जारी रहेगा. केसी त्यागी ने कहा कि जदयू कोर्ट से मंत्री बनने के लिए किसी का नाम फाइनल नहीं था. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि जदयू ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में हिस्सेदारी नहीं मांगी थी.
इसको लेकर झूठा अफवाह फैलाया गया. केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होना कोई मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने खुद इस बारे में निर्णय लिया था और केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने से इन्कार कर दिया था.
केसी त्यागी ने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. केन्द्र में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है और जदयू ने कभी मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी नहीं मांगी थी.
त्यागी ने प्रशांत किशोर को लेकर भी सफाई दी और कहा कि प्रशांत किशोर की कंपनी का जदयू से कोई रिश्ता नहीं हैं.
जब आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी के लिए उन्होंने काम किया था तो सवाल क्यों नहीं उठाया गया था? उन्होंने कहा कि जदयू चाहती है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी चुनाव हारे और ममता बनर्जी की भी हार हो.