'मैं पिछले कई बरसों से कश्मीर आ रहा हूं लेकिन सरकार का ऐसा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कभी नहीं देखा'

By भाषा | Published: August 4, 2019 06:00 AM2019-08-04T06:00:35+5:302019-08-04T06:00:35+5:30

दिल्ली के एक पर्यटक अनिल वर्मा ने कहा, ‘‘मैं पिछले कई बरसों से कश्मीर आ रहा हूं लेकिन सरकार का ऐसा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कभी नहीं देखा।’’ हरियाणा के रमेश कुमार ने कहा कि सरकार का आदेश अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, ‘‘(सरकार के) आदेश ने अफरातफरी और भय का माहौल पैदा कर दिया।’’

Kashmir: Tourists & pilgrims returning, governor Satyapal Malik asks parties not to panic | 'मैं पिछले कई बरसों से कश्मीर आ रहा हूं लेकिन सरकार का ऐसा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कभी नहीं देखा'

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

सुरक्षा कारणों को लेकर यात्रा में कटौती करने के जम्मू कश्मीर प्रशासन के परामर्श के एक दिन बाद पर्यटकों और अमरनाथ तीर्थयात्रियों ने शनिवार को कश्मीर घाटी छोड़ना शुरू कर दिया। हालांकि, राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि दहशत में आने की जरूरत नहीं है। राज्यपाल ने नेशनल कॉंफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला नीत प्रतिनिधिमंडल और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने को कहने और घाटी में फैल रहे अफवाहों पर यकीन नहीं करने को कहा है।

भारतीय वायुसेना के विमानों को भी लोगों को अपने गंतव्य पर पहुंचाने की सेवा में लगाया गया। संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए को रद्द करने की योजना के बारे में अफवाहों के बीच राज्यपाल ने एक बयान में कहा कि राज्य को मिले संवैधानिक दर्जे में कोई बदलाव किए जाने की कोई जानकारी नहीं है। राज्यपाल के आश्वासन के बावजूद कांग्रेस और नेकां ने संकेत दिया कि वे सोमवार को संसद में केंद्र से स्पष्टीकरण मांगेंगे।

उमर ने कहा कि उनकी पार्टी को इस बारे में आश्वासन (केंद्र से) चाहिए क्योंकि राज्यपाल जम्मू कश्मीर पर अंतिम प्राधिकार नहीं हैं। परामर्श में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सुरक्षा कारणों का जिक्र करते हुए घाटी छोड़ने को कहा गया है।

कश्मीर पर्यटन के निदेशक निसार वानी ने बताया कि जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग ने परामर्श जारी होने के फौरन बाद शुक्रवार को विभिन्न पर्यटन स्थलों पर बसें भेजी ताकि पर्यटकों को श्रीनगर वापस लाया जा सके। अचानक से हुए इस घटनाक्रम ने कारोबारी समुदाय सहित कइयों को नाराज कर दिया है।

दिल्ली के एक पर्यटक अनिल वर्मा ने कहा, ‘‘मैं पिछले कई बरसों से कश्मीर आ रहा हूं लेकिन सरकार का ऐसा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कभी नहीं देखा।’’ हरियाणा के रमेश कुमार ने कहा कि सरकार का आदेश अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, ‘‘(सरकार के)आदेश ने अफरातफरी और भय का माहौल पैदा कर दिया।’’

राज्यपाल ने उमर के नेतृत्व वाले एक प्रतिनिधिमंडल से कहा कि एक सुरक्षा उपाय को कई मुद्दों से मिला दिया गया जिससे उसका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘दहशत की यही वजह है।’’ उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादियों के हमले की योजना के बारे में सुरक्षा एजेंसियों के पास विश्वसनीय सूचना है। नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा गोलाबारी तेज कर दी गई है, जिसका भारतीय थल सेना ने प्रभावी जवाब दिया है। हालांकि, उमर ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के सांसदों को सोमवार को संसद में एक प्रस्ताव ला कर कश्मीर में पिछले कुछ हफ्तों में पैदा हुई स्थिति पर केंद्र सरकार से एक बयान मांगने को कहा है।

पीडीपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे और भारत संघ के साथ उसके संबंधों को प्रभावित करने वाला कोई फैसला एकपक्षीय तरीके से नहीं लिया जाए। यहां पार्टी प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में पीडीपी के शीर्ष नेताओं ने मोदी से इस बात पर विचार करने का अनुरोध किया कि राज्य के लोगों ने हमेशा ही देश की संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक मूल्यों में भरोसा जताया है।

पीडीपी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पार्टी नेतृत्व ने उम्मीद जताई है कि पीएम मोदी नीत मौजूदा शासन मौजूदा स्थिति पर लोगों की भावनाओं और विचारों का सम्मान करेगा।’’ जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति (जेकेपीसीसी) ने राज्य के हालात को लेकर चिंता व्यक्त की और घाटी में ‘‘अनिश्चितता’’ को समाप्त करने के लिए केन्द्र से स्पष्टीकरण मांगा। प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष जी ए मीर ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हम स्थिति को लेकर चिंतित हैं। कोई नहीं जानता कि क्या हो रहा है। अनिश्चितता है। हम इस तरह की स्थिति पहली बार देख रहे हैं और इससे सवाल खड़े हुए हैं। हम चाहते हैं कि केंद्र स्पष्ट करें कि क्या हो रहा है?’’

मीर ने कहा कि अतिरिक्त बलों की तैनाती, विभिन्न विभागों के आदेश और पर्यटकों एवं अमरनाथ यात्रियों को घाटी छोड़ने संबंधी परामर्श से यहां दहशत की स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी चीजों से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि परदे के पीछे कुछ चल रहा है।’’ कश्मीर पर्यटन निदेशक वानी ने कहा कि करीब 20,000 पर्यटक शुक्रवार को कश्मीर में थे। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के मुताबिक शनिवार को घाटी से बाहर जाने के लिए 6,216 यात्री श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचे। उनमें से 5,829 यात्रियों ने 32 निर्धारित उड़ानों से यात्रा की। शेष 387 यात्रियों को भारतीय वायुसेना के चार विमानों में सवार किया गया और उन्हें जम्मू, पठानकोट तथा हिंडन जैसे गंतव्यों पर ले जाया गया।

इस बीच, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रेलवे ने जम्मू कश्मीर से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अगले 48 घंटों के लिए टिकट रद्द करने का शुल्क माफ कर दिया है। कश्मीर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा कि सरकार के परामर्श ने राज्य की अर्थव्यवस्था को अपूर्णीय क्षति पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सोमवार को इस मुद्दे को संसद में उठायेगी और केन्द्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगेंगी।

सेना के एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में तलाशी के दौरान अमरनाथ यात्रा के मार्ग पर पाकिस्तान निर्मित एक बारूदी सुरंग और गोलाबारूद का जखीरा बरामद हुआ है। भाजपा की प्रदेश इकाई ने शनिवार को नेकां, पीडीपी और कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाया कि वे जानबूझ कर दहशत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वे खुद डरे हुए हैं। पार्टी के प्रदेश प्रमुख रविंदर रैना ने जम्मू में कहा कि मोदी के नेतृत्व के तहत इस देश में हर नागरिक सुरक्षित है।

Web Title: Kashmir: Tourists & pilgrims returning, governor Satyapal Malik asks parties not to panic

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