महबूबा की पीडीपी से निकाले गए दोनों नेताओं ने थामा उमर अब्दुल्ला के नेशनल कांफ्रेंस का हाथ
By भाषा | Published: December 19, 2018 04:27 PM2018-12-19T16:27:22+5:302018-12-19T16:27:22+5:30
बशारत बुखारी और हुसैन नेकां अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला के निवास पर एक सादे कार्यक्रम में पार्टी में शामिल हुए। इस मौके पर नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।
श्रीनगर, 19 दिसंबर (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से निष्कासन के एक दिन बाद पूर्व मंत्री बशारत बुखारी और पीर मोहम्मद हुसैन बुधवार को यहां नेशनल काफ्रेंस (नेकां) में शामिल हो गये।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पार्टी उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान वीरी की अगुवाई वाली अनुशासन समिति की सिफारिश के आधार पर मंगलवार को इन दोनों को निष्कासित कर दिया था।
बशारत बुखारी और हुसैन नेकां अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला के निवास पर एक सादे कार्यक्रम में पार्टी में शामिल हुए। इस मौके पर नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।
संगरामा से दो बार विधायक रहे बशारत बुखारी दिवंगत पत्रकार शुजात बुखारी के बड़े भाई हैं। शुजात बुखारी और दो सुरक्षाकर्मियों को जून में लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों ने मार डाला था।
बशरत बुखारी दिवंगत मुफ्ती मुहम्मद सईद की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में कानून मंत्री थे। जब महबूबा मुफ्ती की अगुवाई में सरकार बनी तब उन्हें राजस्व, राहत एवं पुनर्वास मंत्री बनाया गया था।
शांगुस से विधायक रहे हुसैन 2002 में पीडीपी कांग्रेस गठबंधन सरकार में मंत्री रहे। उन्होंने 2002 के बाद चुनाव नहीं लड़ा। उन्हें पीडीपी -भाजपा गठबंधन सरकार में वक्फ बोर्ड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
नवंबर 2014 में हुए जम्मू-कश्मीर विधान सभा चुनाव में राज्य की 87 सीटों के लिए हुए चुनाव में पीडीपी ने 28 और बीजेपी ने 25 सीटों पर जीत हासिल की थी। राज्य में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पीडीपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार बनी थी।
नवंबर 2018 में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने राज्य में विधान सभा भंग करके राज्यपाल शासन लगा दिया। पिछले हफ्ते ही राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा की।