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नार्थ कश्मीर में विदेशी आतंकियों की संख्या बढ़ गई, उधर श्रीनगर में आतंकी हमलों में वृद्धि चौंकाने लगी है

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 6, 2021 16:41 IST

नार्थ कश्मीर में अचानक विदेशी आतंकियों की बाढ़ आ गई है तो दूसरी अभी तक कश्मीर में हुए आतंकी हमलों में आतंकियों का सारा जोर राजधानी शहर श्रीनगर में रहा है ।

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ठळक मुद्देनार्थ कश्मीर अर्थात बारामुल्ला, बांडीपोरा तथा कुपवाड़ा के एलओसीसे सटे तीनों जिलों 50-60 आतंकीआतंकियों की संख्या में इजाफा पिछले 2 से 3 महीनों के बीच देखा गया है।इस साल आधिकारिक तौर पर आतंकी हमलों में 15 के करीब सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए

जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के मोर्चे से दो बुरी खबरें हैं। पहली, नार्थ कश्मीर में अचानक विदेशी आतंकियों की बाढ़ आ गई है तो दूसरी अभी तक कश्मीर में हुए आतंकी हमलों में आतंकियों का सारा जोर राजधानी शहर श्रीनगर में रहा है जहां उन्होंने रिकार्ड हमले किए हैं।

रक्षा सूत्रों के बकौल, नार्थ कश्मीर अर्थात बारामुल्ला, बांडीपोरा तथा कुपवाड़ा के एलओसीसे सटे तीनों जिलों में अनुमानतः 50 से 60 आतंकी हैं और इनमें 11 से 12 ही लोकल हैं। हालांकि सूत्रों के बकौल, विदेशी आतंकियों की संख्या को अफगानिस्तान के हालात से जोड़ कर नहीं देखा जा सकता क्योंकि उनकी संख्या में इजाफा पिछले 2 से 3 महीनों के बीच देखा गया है।

इन अधिकारियों के बकौल, नार्थ कश्मीर के प्रति चिंता का विषय यह था कि पहलीे बार साउथ कश्मीर की बनिस्बत नार्थ कश्मीर में ज्यादा आतंकी हलचल को देखा जा रहा है। हालांकि पिछले साल सुरक्षाबलों ने कश्मीर वादी में 32 विदेशी आतंकियों को ढेर किया था और इस बार अभी तक मात्र 9 ही मारे गए हैं। अर्थात बाकी अभी भी पहुंच से बाहर हैं।

आतंकवाद के मोर्चे पर दूसरी चौंकाने वाली खबर यह है कि आतंकियों ने इस बार अभी तक कश्मीर में 75 से अधिक बड़े हमलों को अंजाम दिया है। चर्चा का विषय यह नहीं है कि कितनों में उन्हें कामयाबी मिली और कितनों में नाकामी, बल्कि चिंता और चर्चा का विषय यह है कि 20 परसेंट से अधिक अर्थात 16 के करीब खतरनाक हमले सिर्फ श्रीनगर में ही हुए।

यही नहीं इस साल अभी तक आधिकारिक तौर पर आतंकी हमलों में 15 के करीब सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए। जिनमें से आधे श्रीनगर में हुए हमलों में ही मारे गए। वैसे यह भी सच है कि कश्मीर में इस बार मारे गए आतंकी कमांडरों में से एक अच्छी खासी संख्या में श्रीनगर में ही मारे गए जिससे यह साबित होता था कि श्रीनगर जिला अब आतंकवाद का नया मैदान बनता जा रहा था जिसके प्रति सुरक्षाधिकारी कई बार यह दावा कर चुके थे कि श्रीनगर आतंकवाद मुक्त है।

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