करतारपुर कॉरीडोर: पाकिस्तान वीजा फीस से करना चाहता है कमाई, अकेले श्रद्धालु को नहीं देगा इजाजत

By संतोष ठाकुर | Published: March 15, 2019 05:23 AM2019-03-15T05:23:38+5:302019-03-15T05:23:38+5:30

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक वरिष्ठ प्रतिनिधि ने कहा कि यह पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के नए पाक, नया वादा के दावे की पोल खोलने के साथ ही यह साबित करता है कि वहां पर सेना का ही हुक्म चलता है।

Kartarpur Corridor: Pakistan wants to earn money from the visa fee, not to the devotees alone. | करतारपुर कॉरीडोर: पाकिस्तान वीजा फीस से करना चाहता है कमाई, अकेले श्रद्धालु को नहीं देगा इजाजत

करतारपुर कॉरीडोर: पाकिस्तान वीजा फीस से करना चाहता है कमाई, अकेले श्रद्धालु को नहीं देगा इजाजत

करतारपुर साहिब गुरूद्वारा जाने वाले श्रद्धालुओं से भी पाकिस्तान कमाई करना चाहता है। वह उनसे परमिट फीस वसूलना चाहता है। यही नहीं, उसने यह भी कहा है कि वह किसी भी श्रद्धालु को अकेले वहां जाने की इजाजत नहीं देगा। श्रद्धालु समूह में ही वहां जा पाएंगे। गुरूवार को जब दोनों देश के प्रतिनिधिमंडल के बीच अटारी में द्विपक्षीय वार्ता हुई तो पाकिस्तान उन सभी शर्तो से पलट गया जो उसने इस कॉरीडोर को लेकर की थी। हालांकि इसके बाद भी भारत ने सिख श्रद्धालुओं की भावना को देखते हुए 2 अप्रैल को इस मसले पर पाक के वाघा में होने वाली अगली द्विपक्षीय बैठक में शामिल होने पर अपनी सहमति दे दी है। भारत को आशा है कि वह अगली बैठक में पाक को पुरानी सहमति पर वापस लाने में सफल होगा। 

दोनों देश के बीच पहले यह सहमति बनी थी कि करतारपुर साहिब तक यात्रा वीजा फ्री होगी। इसके लिए कोई वीजा फीस नहीं होगी। लेकिन अब पाकिस्तान ने कहा है कि इसके लिए खास परमिट लेना होगा। इसके लिए एक शुल्क चुकाना होगा। उसने यह भी कहा है कि श्रद्धालु 15 के समूह में वहां जा पाएंगे।

पहले यह तय हुआ था कि कोई श्रद्धालु चाहेगा तो वह अकेले भी जा पाएंगे। सबसे बड़ा झटका पाकिस्तान ने प्रतिदिन जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर दिया है। पहले यह तय हुआ था कि दोनों देश कॉरीडोर पर अपनी सीमा में आम दिनों में प्रतिदिन 5 हजार और विशेष दिनों में 15 हजार श्रद्धालुओं के आने को लेकर ढांचागत आधार विकसित करेंगे।

भारत ने इस सहमति के बाद अपनी सीमा में उसी अनुरूप निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। लेकिन अब पाक ने कहा है कि  उसकी सीमा में कॉरीडोर पर प्रतिदिन अधिकतम 500 सौ श्रद्धालुओं के ही आने की व्यस्था होगी। दोनों देश के बीच यह सहमति भी थी कि भारतीय नागरिक और वीसीआई कार्ड धारी भारतीय करतारपुर कॉरीडोर से करतारपुर गुरूद्वारा जा पाएंगे। 

लेकिन अब पाक ने कहा है कि केवल भारतीय नागरिकों को ही वहां जाने की इजाजत होगी। इसके अलावा पाक सरकार ने करतारपुर साहिब की जमीन से निजी लोगों द्वारा किये गए अतिक्रमण के साथ ही सरकारी कब्जों को भी हटाने पर सहमति दिखाई थी। जिससे वहां पर श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं विकसित की जा सके। लेकिन अब उससे भी पाक ने कदम पीछे खींचने का संकेत दिया है। 

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक वरिष्ठ प्रतिनिधि ने कहा कि यह पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के नए पाक, नया वादा के दावे की पोल खोलने के साथ ही यह साबित करता है कि वहां पर सेना का ही हुक्म चलता है। हमारे लिए यह सिख भावना—आस्था का सवाल है। इसलिए हम एक बार फिर से इन मुददों पर 2 अप्रैल की बैठक में पाक से बात करेंगे। हमनें उनके साथ कॉरीडोर के अलाइनमेंट या रूपरेखा को लेकर चर्चा की है। उस पर टेक्नीकल स्तर पर अगली वार्ता होगी। 

Web Title: Kartarpur Corridor: Pakistan wants to earn money from the visa fee, not to the devotees alone.

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