Karnataka Politics: जब भैंसों का वध किया जा सकता है तो गायों का क्यों नहीं, कर्नाटक के पशुपालन मंत्री वेंकटेश ने दिया विवादित बयान, भाजपा ने बोला हमला
By भाषा | Published: June 5, 2023 04:55 PM2023-06-05T16:55:13+5:302023-06-05T17:02:15+5:30
Karnataka Politics: मंत्री ने कहा कि सरकार इस सिलसिले में चर्चा करेगी और फैसला लेगी। वेंकटेश ने कहा, ‘‘हमने अभी तक फैसला नहीं किया है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार एक विधेयक लाई थी, जिसमें उसने भैंस और भैंसा का वध करने की अनुमति दी थी, लेकिन कहा था कि गोहत्या नहीं होनी चाहिए।
Karnataka Politics: कर्नाटक के पशुपालन मंत्री के. वेंकटेश ने शनिवार को संकेत दिया कि राज्य में कांग्रेस की नवगठित सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा लाये गये ‘गोहत्या रोधी’ कानून की समीक्षा कर सकती है। साथ ही, उन्होंने सवाल किया कि जब भैंसों का वध किया जा सकता है तो गायों का क्यों नहीं।
मंत्री ने कहा कि सरकार इस सिलसिले में चर्चा करेगी और फैसला लेगी। वेंकटेश ने कहा, ‘‘हमने अभी तक फैसला नहीं किया है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार एक विधेयक लाई थी, जिसमें उसने भैंस और भैंसा का वध करने की अनुमति दी थी, लेकिन कहा था कि गोहत्या नहीं होनी चाहिए।’’ उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब भैंस और भैंसा का वध किया जा सकता है तो गायों का क्यों नहीं?
यह सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है...हम चर्चा करेंगे और फैसला लेंगे। इस सिलसिले में अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है।’’ मंत्री ने बूढ़ी गायों की देखभाल करने में किसानों द्वारा सामना की जाने वाली मुश्किलों के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में अपना उदाहरण दिया, जिसमें उन्हें अपनी मृत गाय को दफन करने के लिए एक ‘जेसीबी’ की मदद लेनी पड़ी थी।
कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम एवं संरक्षण अधिनियम को 2021 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने लागू किया था। यह अधिनियम राज्य में मवेशियों के वध पर प्रतिबंध लगाता है। केवल बीमार मवेशियों और 13 साल से अधिक उम्र की भैंसों का वध करने की अनुमति दी गई। राज्य में उस वक्त विपक्ष में रही कांग्रेस ने तत्कालीन भाजपा सरकार के इस कदम का विरोध किया था।