कर्नाटक संकट: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग सुर, सुरजेवाला ने कहा- बेहद खराब न्यायिक मिसाल

By भाषा | Published: July 18, 2019 12:47 AM2019-07-18T00:47:39+5:302019-07-18T00:47:39+5:30

रणदीप सुरजेवाला ने निर्णय को ‘‘बेहद खराब न्यायिक मिसाल’’ बताया तो पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने इसे कांग्रेस की जीत करार दिया। सिंघवी ने संसद भवन परिसर में कांग्रेस की आधिकारिक प्रेस वार्ता में कहा कि पार्टी की इस मामले में जीत हुई है क्योंकि शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान उसकी 90 फीसदी दलीलों को स्वीकार कर लिया है।

Karnataka Political Crisis: Different opinions among Congress leaders for SC Verdict | कर्नाटक संकट: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग सुर, सुरजेवाला ने कहा- बेहद खराब न्यायिक मिसाल

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और अभिषेक मनु सिंघवी ने कर्नाटक संकट को लेकर शीर्ष अदालत के फैसले पर अलग-अलग राय पेश की। (फाइल फोटो)

कर्नाटक में राजनीतिक संकट के संदर्भ में बुधवार को आए उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर कांग्रेस नेताओं ने अलग अलग राय जाहिर की। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने निर्णय को ‘‘बेहद खराब न्यायिक मिसाल’’ बताया तो पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने इसे कांग्रेस की जीत करार दिया। सिंघवी ने संसद भवन परिसर में कांग्रेस की आधिकारिक प्रेस वार्ता में कहा कि पार्टी की इस मामले में जीत हुई है क्योंकि शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान उसकी 90 फीसदी दलीलों को स्वीकार कर लिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं क्योंकि यह संविधान और कानून के अनुरूप है।’’ एक सवाल के जवाब में सिंघवी ने कहा कि व्हिप का सवाल कहां पैदा होता है जब उसे जारी ही नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके नेता बीएस येदियुरप्पा फैसले के बारे में जो बातें कर रहे हैं वो मिथ्या प्रचार है। इससे पहले, सुरजेवाला ने कई ट्वीट कर कहा कि व्हिप को निष्प्रभावी और संविधान की दसवीं सूची का विस्तार करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश ने खराब न्यायिक मिसाल पेश की है।

उन्होंने कहा कि विधायकों को जिस तरह का पूर्ण संरक्षण दिया गया है वह पहले कभी नहीं सुना गया। उन्होंने सवाल किया कि क्या आदेश का मतलब यह है कि व्हिप कब लागू किया जाएगा, इसका फैसला करके अदालत राज्य विधानसभा के कामकाज में हस्तक्षेप कर सकती है?

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘दुखद है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले पांच वर्षों में मोदी सरकार द्वारा लोकतांत्रिक जनादेशों को पलटने के लिए दलबदल के अभिकल्पित इतिहास और संदर्भ को नहीं समझा।’’

दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) के 15 असंतुष्ट विधायकों को राज्य विधानसभा के मौजूदा सत्र की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बाध्य ना किया जाए और उन्हें इसमें भाग लेने या ना लेने का विकल्प दिया जाए।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार अपने द्वारा तय की गई अवधि के भीतर असंतुष्ट विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।

Web Title: Karnataka Political Crisis: Different opinions among Congress leaders for SC Verdict

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