कर्नाटकः सरकार ने टूट-फूट से बचने का निकाला फॉर्मूला, 'रोटेशन प्लान' से हर दो साल में बदले जाएंगे मंत्री
By खबरीलाल जनार्दन | Published: June 8, 2018 07:45 AM2018-06-08T07:45:25+5:302018-06-08T11:17:11+5:30
कर्नाटक में कांग्रेस के समर्थन पर जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी ने सरकार बनाई थी।
बेंगलुरु, 8 जूनः कर्नाटक की एचडी कुमारस्वामी सरकार अपने मंत्रियों पर रोटेशन प्लान चलाएगी। इसके तहत सरकार के मंत्री हर दो साल में बदले जांएगे। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक की गठबंधन वाली सरकार में मुख्यमंत्रियों को रोटेशनल प्लान के तहत बदले का चलन रहा है। लेकिन इस बार मुख्यमंत्री नहीं बदले जाएंगे। लेकिन ऐसी चर्चा है कि दोनों ही पार्टियों में विधायकों का एक असंतुष्ट खेमा है, जो मंत्री पद पाना चाहता है। ऐसे में कांग्रेस-जेडीएस ने मिलकर एक 'रोटेशन प्लान' पर विचार कर रही है, जिससे असंतुष्ट विधायकों को दो साल बाद मंत्री बनने का मौका मिले।
उल्लेखनी है कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास 104 सीटें हैं। कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए उसे महज 8 विधायकों की कमी है। कर्नाटक में 15 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद एक नाटकीय घटनाक्रम में बीजेपी ने सरकार बनाई थी। लेकिन वह फ्लोर टेस्ट पहले ही इस्तीफा दे दी थी। क्योंकि जेडीएस और कांग्रेस ने अपने विधायकों को रिजॉर्ट में रखकर एकजुट रखा था।
ऐसे में अगर किसी भी कारणवश फिर से कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के विधायक असंतुष्ट होते हैं तो बीजेपी अपने पक्ष में माहौल बनाने की तैयारी करने लगेगी। इसलिए दोनों ही पार्टियां अपने विधायकों को नाराज नहीं करना चाहतीं। शायद इसीलिए जेडीएस ने एक सीट जीतने वाली बीएसपी के विधायक को भी मंत्री पद दिया है। लेकिन इससे कांग्रेस विधायक नाराज हो गए हैं, जिनके लिए हर दो साल में मंत्री बदलने के प्लान की बात चल रही है।
इससे पहले डी कुमारस्वामी मंत्रिमंडल में मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज कर्नाटक में कांग्रेस के कई विधायकों ने आज शहर में अलग - अलग बैठक की। ये बैठकें 15 दिन पुरानी कुमारस्वामी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के एक दिन बाद हुईं। मंत्री पद के लिये चली काफी खींचतान के बाद मंत्रिमंडल विस्तार में कल 25 नये मंत्रियों को शामिल किया गया। इससे पहले कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री और कांग्रेस से जी परमेश्वर ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
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बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिलने से गठबंधन के कई विधायकों में असंतोष है। वहीं मंत्री पद की चाह रखने वाले कई विधायकों के समर्थकों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया।
बैठक से बाहर निकलने के बाद जारकीहोली ने कहा कि उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की और यह सही है कि वे मंत्री पद नहीं मिलने से ‘ नाखुश ’ हैं। उन्होंने कहा , ‘ हमने इस बारे में चर्चा की कि सक्षम अभिलाषियों के बारे में प्रदेश और दिल्ली पार्टी नेतृत्व का ध्यान दिलाकर कैसे इसे ठीक किया जा सकता है। हमने कल भी इस बारे में चर्चा की थी -- आज भी हमने चर्चा की और हम फिर बैठक करेंगे। ’’
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष (केपीसीसी) जी परमेश्वरा ने इस विवाद का हल निकालने के लिए सिद्धरमैया से रोटेशन प्लान की बात की।