कर्नाटक के पंचायती राज मंत्री ईश्वरप्पा देंगे इस्तीफा, ठेकेदार की आत्महत्या में आया था नाम, जानें मामला
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 14, 2022 06:52 PM2022-04-14T18:52:12+5:302022-04-14T20:11:49+5:30
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बृहस्पतिवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज (आरडीपीआर) मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा के खिलाफ तब तक किसी कार्रवाई से इनकार किया है जब तक प्रारम्भिक जांच पूरी नहीं हो जाती।
बेंगलुरुः कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने इस्तीफा देने की घोषणा की। ठेकेदार संतोष पाटिल की कथित आत्महत्या मामले में मंत्री का नाम आया था। ईश्वरप्पा ने कहा कि मैं अपना त्यागपत्र मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को शुक्रवार को सौंप दूंगा।
उडुपी में एक ठेकेदार की मौत के सिलसिले में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों से घिरे कर्नाटक के मंत्री के एस ईश्वरप्पा ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे । ईश्वरप्पा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ मैंने कर्नाटक सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के रूप में काम किया है। मैंने मंत्री पद से इस्तीफा देने का आज फैसला किया। ’’
Karnataka Minister KS Eshwarappa, whose name appeared in alleged suicide case of contractor Santosh Patil, says that he will handover his resignation to the Chief Minister tomorrow.
— ANI (@ANI) April 14, 2022
Says, "Tomorrow I'm handing over the resignation letter to CM. I thank you all for co-operation." pic.twitter.com/vZFVrP4diI
उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपना त्यागपत्र सौंपेंगे। मंत्री के खिलाफ ठेकेदार संतोष पाटिल की संदिग्ध आत्महत्या के सिलसिले में बुधवार को मामला दर्ज किया गया था। पाटिल उडुपी के एक होटल में मृत पाये गये थे।
ठेकेदार ने मंत्री एवं उनके करीबियों पर 2021 में बेलगावी के हिंदलगा गांव में एक उत्सव से पूर्व निर्माण कार्य पूरा करने के लिए 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाया था। ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘ मैंने इस्तीफा देने का फैसला इसलिए किया क्योंकि मैं उन लोगों को असहज स्थिति में नहीं डालना चाहता, जिन्होंने यहां तक पहुंचने में मेरी मदद की, यथा पार्टी में वरिष्ठ नेता, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और हमारे राष्ट्रीय नेता।’’ ईश्वरप्पा ने पहले यह कहते हुए इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था कि उनकी गलती नहीं है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ईश्वरप्पा को इस मामले में प्रथम आरोपी बनाया गया है। ठेकेदार संतोष के पाटिल (37) उडुपी के एक लॉज में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे। विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से ईश्वरप्पा को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने का आग्रह किया था।
हालांकि मंत्री ईश्वरप्पा ने बुधवार को अपने पद से हटने से इनकार कर दिया। ईश्वरप्पा ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि, क्या एक व्हाट्सएप संदेश को ‘मृत्यु नोट’ के रूप में माना जा सकता है? मंत्री ने ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के पीछे रची गई ‘साजिश’ की जांच की मांग की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव एवं कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह ने ईश्वरप्पा का इस्तीफा मांगने को लेकर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए राजस्थान में हो रहे “अत्याचार और बलात्कार” का हवाला दिया।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि इस मामले में सच्चाई का पता लगाने के लिए वह खुद ईश्वरप्पा से बात करेंगे। ठेकेदार पाटिल के परिवार वालों ने इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी होने तक उसका शव लेने से इनकार कर दिया है। इससे पूर्व पुलिस ने मृतक के भाई प्रशांत पाटिल की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है। संतोष पाटिल ने मंत्री के खिलाफ रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे।
प्रशांत की ओर से दर्ज प्राथमिकी में, ईश्वरप्पा और उनके दो स्टाफ सदस्यों - रमेश और बसवराज को आरोपी बनाया गया है। पुलिस को दी गयी शिकायत में प्रशांत पाटिल ने कहा कि वर्ष 2020-21 में हिंडालगा गांव के निवासियों ने राज्य की राजधानी में ईश्वरप्पा से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया था कि वह पानी की निकासी के लिए नाला, सड़कों और फुटपाथ का निर्माण कराएं।
प्रशांत पाटिल ने कहा कि ईश्वरप्पा ने बजट की चिंता किए बिना इस काम की अनुमति दे दी और ठेकेदार संतोष पाटिल को इस काम का ठेका दिया गया था। शिकायत में प्रशांत पाटिल ने यह भी कहा है कि उनके भाई संतोष पाटिल ने परियोजना में चार करोड़ रुपये का निवेश किया था और उसका बिल अब तक लंबित है। उन्होंने कहा कि संतोष कई बार मंत्री ईश्वरप्पा से मिले थे और उनसे बिल को मंजूरी देकर धनराशि जारी करने का अनुरोध किया था लेकिन ईश्वरप्पा के करीबी कर्मी बसवराज और रमेश उनसे 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे।