कर्नाटक ने 10वीं के पाठ्यक्रम में संघ संस्थापक हेडगेवार के भाषण को किया शामिल, हुआ बवाल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 16, 2022 10:19 PM2022-05-16T22:19:01+5:302022-05-16T22:29:30+5:30
कर्नाटक सरकार द्वारा संघ संस्थापक हेडगेवार के भाषण को 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने को लेकर ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (एआईडीएसओ) और ऑल-इंडिया सेव एजुकेशन कमेटी (एआईएसईसी) ने कड़ी आलोचना की है।
बेंगलुरु:कर्नाटक के शिक्षा विभाग ने 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के भाषण को शामिल किया है। राज्य सरकार के इस कदम का कई शैक्षिक संगठनों ने तीव्र आलोचना किया है।
संघ संस्थापक हेडगेवार के भाषण को बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने को लेकर ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (एआईडीएसओ) और ऑल-इंडिया सेव एजुकेशन कमेटी (एआईएसईसी) की ओर से कड़ी आलोचना की गई है।
दोनों सगंठनों ने इस फैसले की इस आधार पर आलोचना की है कि राज्य के शिक्षा मंत्रालय ने संघ संस्थापक का भाषण जोड़ने के लिए स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह पर आधारित पाठ को छोड़ दिया है, जबकि पाठ्यपुस्तक में वैदिक विद्वान जैसे दिवंगत बन्नंजे गोविंदाचार्य और शतावधानी आर गणेश की रचनाओं को पहले से जगह दी गई है।
समाचार वेबसाइट 'द न्यूज मिनट' के मुताबिक संगठन की ओर से की गई आलोचना में यह भी कहा गया है कि सरकार ने पाठ्यक्रम में से एएन मूर्ति राव की 'व्याघ्रगीथे', पी लंकेश की 'मृगा मट्टू सुंदरी' और सारा अबूबकर की 'युद्ध' जैसे पुनर्जागरण साहित्यिक रचनाओं को भी 10वीं के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।
एआईएसईसी ने तो मामले में बाकायदा निंदा बयान जारी करते हुए बोम्मई सरकार पर आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार शैक्षिक पाठ्यक्रमों के जरिये संघ की विचारधारा बच्चों को पढ़ने के लिए थोप रही है।
वहीं आलोचना के बाद बचाव की मुद्रा में आये कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि पाठ्यपुस्तक में हेडगेवार या संघ के बारे में कोई बात नहीं की गई है, उसमें तो महज उनके भाषण को शामिल किया गया है। अगर उनके भाषण से छात्रों को प्रेरणा मिलती है तो कोई गलत बात नहीं है।
इसके साथ ही शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा, "हर बात पर आपत्ति करना कुछ लोगों का शौक होता है और उन्हें लगता है कि जो वो कह रहे हैं वही सच है, लेकिन ऐसा नहीं है। सच वो भी है सरकार बता रही है। हेडगेवार जी ने उस भाषण में विचारधारा, मूल्यों और सिद्धांतों की बात की है और इसके अलावा उन्होंने समाज और राष्ट्र के महत्व के बारे में बात की है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है।"