कर्नाटक: हिंदू महासभा ने कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर लगाई गोडसे और सावरकर की तस्वीर, हुआ विवाद
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 19, 2022 03:52 PM2022-08-19T15:52:36+5:302022-08-19T16:08:00+5:30
कर्नाटक के मेंगलुरु स्थित सुरथकल में कृष्ण जन्माष्टमी के मौक पर हिंदू महासभा के नेता ने बैनर लगाया, जिसमें हिंदूवादी नेता विनायक दामोदर सावरकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तस्वीर लगी थी।
मेंगलुरु:कर्नाटक के मंगलुरु में हिंदू महासभा के नेता द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर आम लोगों को बधाई देने के लिए लगाये गये बैनर में हिंदूवादी नेता विनायक दामोदर सावरकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तस्वीर दिखाई देने के बाद से बवाल मचा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक इस घटना से मेंगलुरु के सुरथकल में कुछ नागरिकों ने आपत्ति जताई तो हिंदू महासभा के नेता द्वारा पुलिस के कहने पर उस फ्लेक्स बैनर को वापस ले लिया हालांकि इस वाकये से गुरुवार को सुरथकल में स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई थी।
सुरथकल पुलिस के अनुसार सावरकर और गोडसे का बैनर हिंदू महासभा के स्थानीय नेता राजेश पवित्रन ने लगाया था। जिस पर कुछ स्थानीय लोगों द्वारा आपत्ति जताई गई। जिसके बाद विवाद मेंगलुरु नगर निगम के आयुक्त के पास पहुंचा और उन्होंने लोगों की शिकायत सुनने के बाद राजेश पवित्रन को आदेश दिया कि वो उस बैनर को फौरन हटा दें।
खबरों के मुताबिक इस घटना के बाद श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समारोह के मद्देनजर सूरथकल में पुलिस सुरक्षा को और कड़ी कर दी गई। दरअसल इस मामले से पहले भी हिंदू महासभा की ओर से 14 अगस्त को सुरथकल फ्लाईओवर पर सावरकर की तस्वीर वाला एक बैनर लगाया गया था, जिसके कारण विवाद खड़ा हो गया था। यही कारण है कि कृष्म जन्माष्टमी के मौके पर फिर सावरकर और साथ में लगी गोडसे की तस्वीर ने विवाद को और तीखा कर दिया।
जिसके बाद मेंगलुरु नगर निगम फौरन हरकत में आया और विवादित पोस्टर को हटाने का आदेश दिया। लेकिन उसके बाद भी मेंगलुरु जिला प्रशासन को हालात खराब होने की संभावना लगी, जिसके कारण भारी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया है।
मालूम हो कि बीते 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शिवमोग्गा में विनायक दामोदर सावरकर का एक बैनर लगाने पर दो समूहों में बहस हो गई थी, जिसके कारण शिवमोग्गा जिला प्रशासन ने हालात को संभालने के लिए पूरे जिले में धारा 144 लगा दी थी।
खबरों के मुताबिक शिवमोग्गा में दोनों पक्षों में मस्तूल प्रकाश स्तंभ पर सावरकर और टीपू सुल्तान की तस्वीर लगाने के लिए विवाद हो गया था। एरक पक्ष सावरकर की तस्वीर लगाना चाहता था तो वहीं दूसरा पक्ष 18 वीं शताब्दी के मैसूर शासक टीपू सुल्तान की तस्वीर लगाने पर अड़ा था। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)