Karnataka hijab row: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फैसला आने तक स्कूल में हिजाब और भगवा स्कार्फ पर रोक लगाई, 14 फरवरी को अगली सुनवाई

By सतीश कुमार सिंह | Published: February 10, 2022 05:45 PM2022-02-10T17:45:18+5:302022-02-10T18:38:20+5:30

Karnataka hijab row: कर्नाटक उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ आज सुनवाई हुई। स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी घोषित की गई है ताकि छात्रों को कोई परेशानी न हो।

Karnataka hijab row HC says pass an order directing reopening colleges asks students not to insist on wearing religious Monday | Karnataka hijab row: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फैसला आने तक स्कूल में हिजाब और भगवा स्कार्फ पर रोक लगाई, 14 फरवरी को अगली सुनवाई

सभी को अदालत के आदेश का इंतजार करना चाहिए

Highlightsसीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने बृहस्पतिवार को संतोष व्यक्त किया।मुख्य न्यायाधीश अवस्थी के पास इस राय के साथ भेज दिया था।

Karnataka hijab row: हिजाब मामले की सुनवाई कर रहे कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को छात्रों से कहा कि जब तक मामला सुलझ नहीं जाता तब तक वे शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में ऐसा कोई वस्त्र पहनने पर जोर नहीं दें जिससे लोगों को उकसाया जा सके। सुनवाई 14 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी।

अदालत ने मामले की सुनवाई सोमवार के लिए निर्धारित करते हुए यह भी कहा कि शैक्षणिक संस्थान छात्र-छात्राओं के लिए कक्षाएं फिर से शुरू कर सकते हैं। बुधवार को गठित मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति जे एम काजी और न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित की तीन सदस्यीय पीठ ने यह भी कहा कि वह चाहती है कि मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जाए लेकिन उस समय तक शांति और सद्भावना बनाए रखनी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मामले के निपटारे तक आप लोगों को इन सभी धार्मिक चीजों को पहनने की जिद नहीं करनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम आदेश पारित करेंगे। स्कूल-कॉलेज शुरू होने दें। लेकिन जब तक मामला सुलझ नहीं जाता तब तक किसी भी छात्र-छात्राओं को धार्मिक पोशाक पहनने पर जोर नहीं देना चाहिए।’’ हालांकि, याचिकाकर्ताओं के वकील देवदत्त कामत ने अदालत से उनकी आपत्ति पर विचार करने का अनुरोध किया कि ऐसा आदेश अनुच्छेद 25 के तहत उनके मुवक्किल के संवैधानिक अधिकारों को निलंबित करने के बराबर होगा। कामत ने कहा, ‘‘यह उनके अधिकारों का पूर्ण हनन होगा।’’

इस पर मुख्य न्यायाधीश अवस्थी ने कहा कि यह व्यवस्था केवल कुछ दिन के लिए है जब तक कि मामला हल नहीं हो जाता है और उनसे सहयोग करने का आग्रह किया। न्यायमूर्ति दीक्षित ने बुधवार को इस मामले को मुख्य न्यायाधीश अवस्थी के पास इस राय के साथ भेज दिया था कि मुख्य न्यायाधीश मामले पर गौर करने के लिए बड़ी पीठ के गठन का फैसला कर सकते हैं।

हिजाब विवाद पिछले दिनों उडुपी में शुरू हुआ था जब कुछ छात्राओं को महाविद्यालयों में हिजाब पहनकर आने से रोक दिया गया। इसके बाद हिंदू छात्र भगवा गमछा लेकर स्कूल-कॉलेज आने लगे। बाद में राज्य के अन्य स्थानों पर भी पक्ष-विपक्ष में प्रदर्शन होने लगे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बृहस्पतिवार को नेताओं समेत सभी से आग्रह किया कि वे कॉलेज में हिजाब पहन कर आने के मुद्दे पर, लोगों को भड़काने वाले बयान न दें और शांति कायम रखें।

कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने बृहस्पतिवार को संतोष व्यक्त किया। मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, “यह संतोष की बात है कि तत्काल पूर्ण पीठ का गठन किया गया जो आज से सुनवाई शुरू करेगी। हम अच्छे आदेश की उम्मीद करते हैं जिससे इस समस्या का समाधान हो जाएगा।”

नागेश ने कहा कि हिजाब पर विवाद का मुद्दा उठने के बाद से ही वह, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, गृहमंत्री अरगा ज्ञानेंद्र और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ सी. एन. अश्वथ नारायण नियमित तौर पर बैठक कर रहे हैं। राज्य मंत्रिमंडल ने भी बुधवार को इस मुद्दे पर कोई फैसला लेने से पहले अदालत के फैसले का इंतजार करने का फैसला किया है।

इस बीच, बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने स्कूलों, प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों के गेट से 200 मीटर के दायरे में किसी भी सभा, आंदोलन या किसी भी प्रकार के विरोध के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है।

(इनपुट एजेंसी)

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